सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार मुजफ्फरपुर के लीची किसानों की मदद के लिए आगे आ गई है. लीची किसानों और व्यापारियों को नुकसान से बचाने के लिए राज्य स्तर पर पटना में उद्यान विभाग और डाक विभाग के बीच एक समझौता हुआ है. पटना के बड़े घरेलू बाजार के लिए योजना बनाई गई है. 10 रूपया प्रति किलो की दर से डाक विभाग को घर-घर डाकिया के जरिये लीची पहुंचाने के लिए मामला तय हुआ है. इसके लिए लोगों को डाक विभाग से ही ऑनलाईन और ऑफलाईन संपर्क करने की बात हो रही है.
मुजफ्फरपुर की शाही लीची (Shahi Lychee) को अब डाकिया घर-घर तक पहुंचायेंगे. उद्यान निदेशालय और डाक विभाग (Postal Department) की संयुक्त पहल से लोगों के घर-घर तक शाही लीची की खेप पहुंचाने की तैयारी है. बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार के अनुसार कोरोना बंदी (Corona Lockdown) में देश के बड़े शहरों के बाजारों में हवाई जहाज से लीची भेंजने की व्यवस्था की जा रही है.
अगर आप लीची खाने के शौक़ीन हैं तो http://horticulture.bihar.gov.in पर आप आर्डर कर सकते हैं.बाजार दर पर फ्रेश शाही लीची आपके घर तक पहुंच जाएगी. शाही लीची को सीधे घर तक पहुंचाने की पहली बार कवायद हो रही है. कोरोना बंदी को देखते हुए मुजफ्फरपुर के शाही लीची को इस बार बड़ा बाजार नहीं मिल रहा है. हरेक साल शाही लीची की खेप देश के सभी महानगरों में भेजा जाता था लेकिन इस बार कोरोना बंदी की मार लीची किसानों और व्यापारियों पर पड़ने वाली है.
उद्यान विभाग ने किसानों और व्यापारियों के होने वाले नुकसान के लिए नई योजना तैयार की है. योजना के मुताबिक बिहार के चार शहर पटना, गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर में घर-घर मांग के अनुसार डाक विभाग लीची का पैकेट उपलब्ध करायेगा. इसके लिए 1, 2, 5 और 10 किलो के लीची का पैकेट तैयार कर डाक विभाग को उपलब्ध कराया जाना है. उद्यान विभाग के मुताबिक बाजार दर पर भी लोगों को मांग के अनुसार फ्रेश लीची उपलब्ध कराया जायेगा. उद्यान विभाग इस साल 30 से 35 फीसदी बाजार के संभावित नुकसान को नये बाजार से पाटना चाह रहा है ।
उद्यान विभाग की नई पहल के लिए शाही लीची की सौ हैक्टेयर की बाग का चयन हुआ है. 50 किसानों के इस लीची बाग को मुरौल फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी उपलब्ध करायेगा. शाही लीची को इस किसान समूह द्वारा पिछले कुछ सालों से दिल्ली, कोलकता,बंगलौर और मुंबई जैसे महानगरों में पहले भी भेजा जाता था लेकिन पहले इन किसानों के पास कार्गो विमान की सुविधा पटना में उपलब्ध होती थी लेकिन कोरोना बंदी के कारण इस साल विमान की सुविधा नहीं मिलने से इन किसानों ने नई राह पकड़ी है. महज 10 रूपये प्रति किलो की दर से मुनाफा कमाने का किसानों के इस कम्पनी ने लक्ष्य रखा है जबकि किसानों को अपने उत्पाद को बर्बाद होने की बजाय एक नया उपभोक्ता बाजार सीधे घर में मिल सकेगा.
मुरौल फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी, मुजफ्फरपुर के सीईओ जयप्रकाश राय ने कहा कि उनकी कम्पनी के साथ 750 किसान जुड़े हैं. शाही लीची के 50 किसान फ्रेश और उत्तम गुणवत्ता वाली शाही लीची की आपूर्ति करेंगे जिसे पैक कर 24 घण्टे के अंदर लोगों को 10 रुपया मुनाफा लेकर घर-घर डाक विभाग की मदद से पहुंचाया जाएगा. इससे बड़े शहरों के बाजार का नुकसान इस कोरोना बन्दी में नये घरेलू बाजार के जरिये पूरा किया जाएगा.
उद्यान विभाग 25 मई से इस योजना को सरजमीं पर लागू करना चाह रहा है जब शाही लीची पककर तैयार हो जायेगी. डाक विभाग के अधिकारी से लेकर डाकिया तक नई योजना को लेकर उत्साहित हैं. कोरोना बंदी में कर्नाटक और मुबंई जैसे राज्यों में अल्फांसो आम को डाक विभाग ने घर-घर सफलतापूर्वक पहुंचाकर किसानों को बड़ी राहत दी है. अल्फांसों के बाद डाक विभाग की जिम्मेवारी शाही लीची को घर-घर तक पहुंचाने की है. मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल अशोक कुमार ने न्यूज 18 से बातचीत में कहा कि डाक विभाग हरेक चुनौती उठाने के लिये तैयार है.