सिटी पोस्ट लाइव: कोरोना महामारी की वजह से पटना हाईकोर्ट लगातार राज्य सरकार के खिलाफ अपना सख्त रुख अपना रहा है. पटना हाईकोर्ट लगातार राज्य सरकार से कोरोना महामारी से निबटने के लिए जितने भी उपाय किये जा रहे हैं उसका ब्योरा मांग रही है. इसी क्रम में हाईकोर्ट ने एक बार फिर से राज्य सरकार से सवाल किया है. कोर्ट ने होम आइसोलेशन में रह रहे गंभीर मरीजों को जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन सिलेंडर कैसे पहुंचाया जाएगा इस संबंध में सोमवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है.
इसके साथ ही खंडपीठ ने मुख्य सचिव से यह भी पूछा कहा कि राज्य में 18 से 45 वर्ष के लोगों को कब से कोविड का टीका लगना शुरू होगा. बता दें कि, 18 + लोगों को 1 मई से कोरोना का टीका दिया जाना था लेकिन, वैक्सीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण वैक्सीन नहीं दिया गया था और साथ ही जल्द ही 18+ लोगों को वैक्सीन देने की बात कही गयी थी. वहीं, अब इस बारे में कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल कर दिया है. शुक्रवार को न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय के कार्यकाल का अंतिम कार्यदिवस होने के कारण मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल के अनुरोध पर सभी आदेश न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय ने दिए. मामलों पर अगली सुनवाई सोमवार को सुबह साढ़े दस बजे होगी.
कोर्ट ने राज्य में ऑक्सीजन की कमी और उसकी उपलब्धता को लेकर भी सवाल किया. सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव की ओर से दायर हलफनामा में कहा गया कि राज्य में जिस रफ्तार से कोविड मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उस मुताबिक राज्य को प्रत्येक दिन 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है. वहीं, इस पर कोर्ट ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, राज्य सरकार केंद्र से निर्धारित कोटा का सौ फीसदी रोजाना उठाव तक नहीं कर पा रही है और अब 300 एमटी ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने की बात कर रही है. वहीं, इस मामले में अब अगली सुनवाई सोमवार को होगी. बता दें कि, कोर्ट लगातार स्वास्थय सुविधाएं प्रदान करने को लेकर राज्य सरकार के कार्यों पर नजर बनाये हुई है और लगातार सरकार से इससे जुड़ा ब्योरा की मांग कर रही है.