सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में कोरोना ने हाहाकार मचा दिया है.संक्रमण की रफ़्तार इतनी ज्यादा है कि अब सरकारी अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं हैं. निजी अस्पतालों में कोरोना के ईलाज का आदेश बिहार सरकार ने दे रखा है लेकिन इसके लिए निजी अस्पताल तैयार नहीं दिख रहे हैं. जो निजी अस्पताल ईलाज करना भी चाहते हैं, उनके डॉक्टर्स सहयोग करने को तैयार नहीं हैं.मरीज ईलाज के लिए इधर उधर भटक रहे हैं. अस्पतालों से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वो हिला देनेवाली हैं.
अब जब हालात बेकाबू हो गए हैं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय पीपीई किट पहनकर अस्पतालों का जायजा लेने के लिए आज दफ्तर से बाहर निकले हैं. स्वास्थ्य मंत्री बिहार के सबसे बड़े कोविड-19 अस्पताल एमएमसीएच और एनएमसीएच आज पहुंचे.उन्होंने वहां की व्यवस्था का जायजा लिया.मंगल पांडेय उसी NMCH अस्पताल पहुंचे जिसकी व्यवस्था को लेकर पिछले कई दिनों से सवाल खड़े किए जा रहे हैं. यहाँ उन्होंने खुद घूम घूम कर मरीजों से बातचीत की. डॉक्टरों के साथ सलाह मशविरा किया और कुछ जरुरी निर्देश दिए.
पीपीई किट पहनकर एनएमसीएच के कोरोना वार्ड पहुंचे. घूम-घूम कर स्थिति का जायजा लिया. वहां मरीजों से अस्पताल की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली. मंगल पांडे ने वहां भर्ती मरीजों से इलाज में हो रही परेशानियों के बारे में भी जाना.मंगल पांडेय ने कहा कि जहां जहां कमियां मिली हैं उसे सुधार करने को कहा गया है. गौरतलब है कि एनएमसीएच जो बिहार का कोविड अस्पतला के रूप में चिन्हित है.लेकिन उस अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज की बेहतर व्यवस्था नहीं है.एनएमसीएच अधीक्षक ने जब केंद्रीय टीम के सामने पोल खोली इसके बाद सरकार ने अधीक्षक को ही पद से हटा दिया और दूसरे डॉक्टर को प्रभार दिया है.आजसे पटना एम्स अस्पताल के 400 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं.