सिटी पोस्ट लाइव: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले तथा संदिग्धों के जांच में तेजी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सितंबर 2020 में ही मुंगेर जिले को आरटीपीसीआर मशीन उपलब्ध तो करा दिया. लेकिन, बीते 9 महीने से जिले में आरटीपीसीआर मशीन धूल फांक रही है या यूं कहा जाये कि यह महज एक शोभा की वस्तु बनी हुई है. जिसके कारण वर्तमान समय में भी कोरोना संदिग्ध मरीजों का सैंपल आरटीपीसीआर जांच के लिए पटना जाना पड़ रहा है. जिसके कारण न सिर्फ समय की बर्बादी होती है. बल्कि जांच रिपोर्ट आने में भी काफी विलंब हो रहा है.
वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जब मुंगेर को आरटीपीसीआर मशीन के लिए जगह उपलब्ध कराने को कहा गया तो जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा नवनिर्मित पोस्टमार्टम हाउस का भवन उपलब्ध कराया गया. जब जिले को आरटीपीसीआर मशीन मिल गया तो उसे पोस्टमार्टम हाउस का अस्तित्व बचाने के लिए यक्ष्मा केंद्र के भवन में स्थापित करने की बात कही गयी. उसके बाद पिछले पांच महीने से स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय के उपरी तल पर आरटीपीसीआर मशीन को स्थापित करने की बात चल रही है. किंतु अब तक सारी बातें सिर्फ हवा-हवाई साबित हो रही है.
प्रमंडलीय मुख्यालय मुंगेर में आरटीपीसीआर मशीन से कोविड-19 का जांच आरंभ हो जाने से न सिर्फ मुंगेर जिले के लोगों को लाभ मिलेगा. बल्कि मुंगेर प्रंडल के जमुई, खगड़िया, लखीसराय, बेगूसराय तथा शेखपुरा जिला के लोगों को भी लाभ मिलेगा. सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार आलोक ने कहा कि, आरटीपीसीआर मशीन को स्थापित करने के लिए जगह का चयन किया जा चुका है. टेक्नीशियन और अन्य कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया की जा रही है. जिले में जल्द से जल्द ही आरटीपीसीआर मशीन से जांच शुरू हो जाएगी.