मोकरी गांव का गोविंदभोग चावल से अयोध्या में रामलला का लगेगा भोग

City Post Live - Desk

मोकरी गावँ का गोविंदभोग चावल से अयोध्या में रामलला का लगेगा भोग

सिटी पोस्ट लाइवः कैमूर जिले के मां मुंडेश्वरी पहाड़ी के नीचे स्थित मोकरी गावँ गोविंदभोग चावल से प्रसिद्ध है। यही के चावल से रामलला का भोग लगने वाला प्रसाद बनेगा। बिहार राज्य न्यास परिषद के अध्यक्ष कुणाल किशोर का वर्जन आते ही कैमूर जिले के मोकरी गांव में खुशी का माहौल है। किसान बहुत ही खुश हैं कि हमारे यहां उपजाया हुआ चावल रामलला के भोग के लिए उयोग किया जाएगा। यहाँ का चावल देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी ख्याति प्राप्त है। गोविंद भोग चावल छोटे-छोटे दाने का होता है और इसमें सबसे अधिक खुशबू पाई जाती है। वहाँ मान्यता है कि पहाड़ पर माता मुंडेश्वरी का मंदिर स्थित है। हर साल बारिश का पानी पहाड़ से माँ मुंडेश्वरी के मंदिर को स्पर्श करते हुए मोकरी गावँ में गिरता है। उस पानी से ही पूरे गावँ और आसपास के खेत सिंचित होते हैं।

बारिश के मौसम में माँ मुंडेश्वरी पहाडी का पानी अनेकों जड़ी-बूटीयो को भी अपने अंदर समाहित करते हुए खेतों तक पहुंचता है इसी वजह से मोकरीमें पैदा होने वाला चावल ज्यादा खुशबूदार होता है। वहां की खेतों का मिट्टी बहुत ही मुलायम उर्वरा हो जाती है और उस मिट्टी में लगने वाले चावल बहुत ही सुगंधित और मुलायम होते हैं। वही ग्रामीणो का कहना है कि अगर इस धान को मोकरी गावँ के अलावा किसी अन्य जगहों के खेतों में बुआई किया जाता है तो उसमें इस तरह का खुशबू और इतना उत्तम क्वालिटी नहीं मिलता है, क्योंकि मिट्टी का ही खासियत है। खेतों में बीज डालने के कुछ दिन बाद से ही इस की महक लगभग एक किलोमीटर की दूरी तक सुगंध फैला रहता है। जिसका देन है कि हम लोग के चावलो की मांग दूर-दूर तक होता है। अयोध्या में राम लाला का भोग लगे इससे बढ़कर खुशी क्या हो सकती है ।

इस गावँ के लिए अगर सरकार थोड़ा ध्यान दे दे तो और बेहतर पैदावार यहाँ के किसान इस धान का कर सकते हैं। आचार्य किशोर कुणाल ने राम जन्मभूमि में रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास जी से भगवान को भोग लगाने के लिए बात हो चुकी है। पहले वे सरकारी पैसे से चावल खरीदकर भोग लगाते थे। आचार्य कुणाल ने रामलाल के मुख्य पुजारी को यह प्रस्ताव दिया कि अगर हम बिहार का गोविंद भोग उन्हें उपलब्ध कराएं, तो क्या वे भोग लगाएंगे। उन्होंने सहमति जताई।

राम जन्मभूमि के नजदीक स्थित अमावा मंदिर ने इसके लिए किचन बनाया है। इसके लिए हाल में ही पटना से 60 क्विंटल गोविंद भोग चावल अयोध्या भेजा गया। देश- विदेश में मशहूर बिहार के प्रसिद्ध गोविंद भोग चावल से अयोध्या में रामलला का भोग बनेगा। भगवान के अलावा भक्तों के लिए भोजन प्रसाद भी गोविंद भोग चावल से ही बनेगा। रामलला के मंदिर के निर्माण में आने वाले खर्च में 10करोड़ रुपये के साथ-साथ राम रसोई और भगवान के भोग त्रव्यवस्था पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट की ओर से की जा रही है। एक दिसंबर को विवाह पंचमी के दिन से राम रसोई की शुरुआत होगी। अभी 6 ट्रक चावल कैमूर के मोकरी गावँ से मंगवाया गया है।

विकाश चन्दन की रिपोर्ट

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