छठी जेपीएससी परीक्षा पर आने वाले समय में सरकार मेरिट के आधार पर निर्णय लेगी: हेमंत
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधायक प्रदीप यादव और विनोद कुमार सिंह के एक ध्यानाकर्षण सूचना पर हस्तक्षेप करते हुए विधानसभा में कहा कि छठी जेपीएससी परीक्षा आने वाले समय में सरकार मेरिट के आधार पर निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सुबह सोकरउठते हैंं, तो भगवान से प्रार्थना की है कि जेपीएससी परीक्षा में परिवार का कोई सदस्य सफल न हो, क्योंकि जेपीएससी को लेकर इस तरह का अविश्वास बन गया है कि परिवार का कोई सदस्य सफल होता है, तो लोग यह आरोप लगाएंगे कि मुख्यमंत्री ने सफल कराया है। उन्होंने कहा कि अलग राज्य होने के बाद जेपीएससी द्वारा अब तक जो भी परीक्षाएं ली गयी है, सभी विवाद के घेरे में है, कुछ मामले में गड़बड़ी उजागर हुई, कुछ मामले में गड़बड़ी उजागर नहीं हुई और कई मामले अदालत में लंबित है, यह स्थिति नौजवानों और जेपीएससीके लिए चिंताजनक है, अच्छे विद्यार्थी चुन कर नहीं आएंगे, तो शासन-व्यवस्था बेहतर नहीं हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सातवीं जेपीएससी की प्रक्रिया चल रही थी,उस पर रोक लगा दी गयी है। उन्होंने कहा कि जेपीएससी एक संवैधानिक संस्था है और स्वतंत्र एजेंसी है, सरकार जेपीएससी की कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है। उन्होंने बताया कि बेहतर , पारदर्शी और स्पष्ट तरीके से परीक्षा संचालन होना चाहिए, इसके लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जो स्पष्ट तरीके से नियमावली और आरक्षण रोस्टर पर ध्यान रखेगी। माले विधायक विनोद कुमार सिंह के पूरक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जेपीएससी जैसी संवैधानिक संस्थाओं के कार्य क्षेत्र में कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहती।उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षां में सरकार के हस्तक्षेप के कारणही चीजें खराब हुई है, जिसका नुकसान आज जेएसएससी अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
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