सिटी पोस्ट लाइव :सरकार खुद चलाएगी शेल्टर होम, 300 पदों पर होगी बहाली. मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हुए महारेप कांड के बाद नीतीश सरकार ने घोषणा की थी कि बालिका गृह जैसे केन्द्रों के संचालन का काम अब एनजीओ को नहीं दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा था कि ऐसे केंद्र एनजीओ को दे दिए जाते हैं और वो अपने घरों में या फिर ऐसे जगहों पर चलाने लगते हैं, जहाँ लड़कियों को नहीं रखना चाहिए.अब इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा खुद शेल्टर होम चलाने के लिए समाज कल्याण विभाग के स्तर से एक विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है. इस योजना पर मुख्य सचिव ने मंजूरी दे दी है और 90 दिनों के अंदर सभी शेल्टर होम विभाग के सीधे नियंत्रण में आ जाएंगे.
सभी शेल्टर होम में आधारभूत संरचना में मुकम्मल सुधार लाने और कर्मियों की नई नियुक्तियों पर कुल 52.35 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय आएगा. इसके लिए विभाग द्वारा तैयार मसौदे को शीघ्र ही कैबिनेट भेजा जाएगा. मसौदे के मुताबिक सभी जिलों में शेल्टर होम के लिए किराये पर नये मकान लिए जाएंगे। अभी तक शेल्टर होम के संचालन पर 47.85 करोड़ रुपये खर्च हो रहा है। पूर्व से शेल्टर होम में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या और उनके वेतन में वृद्धि का प्रस्ताव भी है। विभाग ने शेल्टर होम के लिए अधीक्षक, उपाधीक्षक, काउंसलर, गृह पिता, गृह माता, सहायक और मुख्य रसोईया व सहायक रसोईया जैसे 300 से ज्यादा पदों का सृजन किया है. विभिन्न पदों पर कर्मियों का चयन कर एक पैनल भी तैयार किया जाएगा.
विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद के मुताबिक हमारी प्राथमिकता सबसे पहले शेल्टर होम में कर्मियों की कमी दूर करना है और पूरी पारदर्शिता के साथ शेल्टर होम का संचालन एवं नियंत्रण सुनिश्चित करना है. अगले तीन माह में सभी शेल्टर होम को नियंत्रण में ले लिया जाएगा. टेकओवर होने तक शेल्टर होम का संचालन पुराने एनजीओ के माध्यम से पूर्ववत जारी रहेगा. अभी करीब 100 एनजीओ विभिन्न शेल्टर होम का संचालन कर रहे हैं.
समाज कल्याण विभाग ने शेल्टर होम के लिए सृजित पदों पर नियुक्ति के लिए “रिक्रूटमेंट एजेंसी” बहाल करने का फैसला लिया है. विभाग के इस प्रस्ताव पर मुख्य सचिव ने मंजूरी दे दी है। इस एजेंसी के माध्यम से शेल्टर होम के लिए सृजित विभिन्न पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इस सप्ताह एजेंसी चयन करने के लिए विभाग द्वारा विज्ञापन निकाला जाएगा. इसके दो माह के अंदर सभी कर्मचारियों का पैनल बना लिया जाएगा.
प्रस्तावित मानदेय
* अधीक्षक के लिए 40000-45000 रुपये
* सहअधीक्षक के लिए 35000-40000 रुपये
* सहायक निरीक्षक के लिए 45000 रुपये
* मेन रसोईया के लिए 10000-12000 रुपये
* सहायक रसोईया के लिए 9000-10000 रुपये
* सहायक रसोईया के लिए 10000-13500 रुपये
* गृह पिता एवं गृह माता के लिए 10000-14000 रुपये