सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना संक्रमण के बीच बड़े बच्चों के स्कूल कॉलेज को खोल दिया गया है. लेकिन कोरोना संक्रमण का खतरा स्कूलों पर बना हुआ है. ऐसे में सरकार अब छोटे बच्चों के स्कूल को खोलने का रिस्क लेना नही चाहती है. 9 महीने से बंद पड़े इन स्कूलों को खोलने को लेकर अभी भी सरकार संशय में है. जानकारी के मुताबिक 10 दिनों के बाद बिहार में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक होगी, जिसमें इस बात का फैसला लिया जाएगा कि छोटे बच्चों के स्कूल अभी खोले जाएं या नहीं.
बता दें 4 जनवरी से नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले गए हैं. जबकि कॉलेज सिर्फ अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए खोले गये. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन जारी किया था. जिसमें कहा गया कि शैक्षणिक संस्थान को पचास फीसदी क्षमता के साथ ही खोले जाएंगे. पहले दिन 50% तो दूसरे दिन दूसरे 50% छात्र आएंगे.
सभी स्कूली छात्रों को दो मास्क उपलब्ध कराए जाएंगे. कोचिंग संस्थानों, छात्रावासों के लिए भी निर्देश जारी किया गया. पानी की टंकी, किचेन, वाशरूम को सेनेटाइज किया जाएगा. डिजिटल थर्मोमीटर, सेनेटाइजर, साबुन की सुविधा होगी उपलब्ध छात्रों के बीच 6 फीट की दूरी रखी जाएगी. भीड़ वाले समारोह से बचने के भी शिक्षा विभाग ने दिए निर्देश दिए हैं.
इतने गाइडलाइन के बावजूद बड़े बच्चों पर भी कोरोना का खतरा है. तो छोटे बच्चों के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं. बड़े बच्चे तो थोड़े समझदार होते हैं लेकिन जो छोटे बच्चें हैं. वो ऐसी गाइडलाइन को क्या समझेंगे. उन्हें न कोरोना पता है न सोशल डिस्टेंसिंग. यही वजह है कि सरकार अभी छोटे बच्चों के स्कूल को खोलने में सोंच विचार कर रही है. देखना होगा कि 10 दिन बाद होने वाली बैठक में क्या फैसला निकलकर आता है.