गया गैंगरेप ,क्या ये काफी नहीं है अपराधियों के खिलाफ जन-आन्दोलन खड़ा करने के लिए ?

City Post Live

मेरे पापा को पेड़ से बांध दिया और मेरे साथ चार लोगों ने दुष्कर्म किया. इन दौरान बाकी लोग लोग मेरे मम्मी-पापा के पास थे. उसके बाद सबने मेरी मां के साथ मेरे और पापा की आंखों के सामने दु्ष्कर्म किया. हम रहम की भीख मांगते रहे लेकिन हमारी सुनने वाला कोई नहीं था.

सिटी पोस्ट लाईव :बिहार के गया जिले के गुरारू बाजार में बुधवार की रात एक बाप के सामने उसकी बेटी और बेटी के सामने मां के साथ हुए गैंगरेप का मामला और उसको लेकर हो रही राजनीती और आम लोगों की चुप्पी ये साबित करने के लिए काफी है कि बिहारियों का खून ठंडा हो गया है.उनकी संवेदना मर चुकी है.पुलिस से हम क्या उम्मीद कर सकते हैं जब हमारा खों ही अपनी बेटियों के साथ हो रही दरिंदगी के बाद भी नहीं खुल रहा है.एक निर्भय काण्ड ने देश को हिलाकर रख दिया था फिर गया में जो कुछ हुआ वह तो विश्व को हिला देनेवाली घटना है.लेकिन बिहार में क्या हुआ ? सबसे पहले तो  कारवाई में पुलिस की सुस्ती,शुरू में मामले पर पर्दा डालने की कोशिश और ऊपर से नेताओं की बेहूदगी और राजनीतिक रोटी  सेंकने की बेसब्री ,ये साबित करने के लिए काफी है कि अब हम संवेदनहीन होते जा रहे हैं .और इस हदतक कि अपनी बहू बेटी की आबरू लुटेगी तब भी हम चुप ही रह जायेगें.

पीड़ित लड़की और उसका परिवार जब मेडिकल कराने अस्पताल पहुंचा तो उसके साथ जो कुछ हुआ वह शर्मसार करा देनेवाला था.नेता मीडिया और कैमरे लेकर पहुंचे थे.सब बेताब थे पीडिता के साथ तस्वीर खिंचवाकर खबरिया चैनलों और अखबारों में छह जाने के लिए. चेहरा चमकाने या फिर राजनीति चमकाने के चक्कर में नेताओं ने सारी मर्यादा की हदें तोड़ दीं.पीड़ित लड़की को यह अहसास करा दिया कि गैंगरेप तो कुछ दिन और साल तक दर्द देगा लेकिन ये नेता तो उसकी पूरी जिन्दगी तबाह कर देने पर तुले हैं.पीड़ित लड़की को पुलिस जीप से खींच लिया तस्वीर खिंचवाने के लिए .और उसके बाद लड़की का गुस्सा कैसे फुट सिटी पोस्ट लाईव आपको तस्वीर दिखा चूका है.

पीड़िता ने पहले नेताओं को सुनाया फिर मीडिया को अपनी भावना से अवगत कराते हुए कहा-“ उन सभी दरिंदों को मेरे सामने फांसी दे दो. मैं चाहती हूं जो मेरे साथ हुआ वह आगे किसी के साथ ना हो. इसीलिए जल्‍द से जल्‍द उन सबको गिरफ्तार किया जाए. उनको फांसी की सजा दी जाए. उसने कहा कि मैं उन आरोपियों को फांसी पर लटकता हुआ देखना चाहती हूं.मेरे जख्म का तो कोई ईलाज नहीं बस यहीं एक मरहम होगा “.

नाबालिग लड़की और उसकी मां के साथ गैंगरेप मामले में पुलिस ने अभी तक 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार घटना के समय नाबालिग बच्ची अपनी मां और पिता के साथ मोटरसाइकिल से घर लौट रही थी और इसी दौरान करीब 20 युवकों ने पहले बच्ची के पिता की बाइक रोकी और उसके साथ मारपीट की.इसके बाद आरोपियों ने पीड़िता बच्ची के पिता को पास के पेड़ पर बांध दिया और बारी-बारी से बच्ची और उसकी मां के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया. वह अपने पिता और मां के साथ शॉपिंग कर अपने गांव जा रही थी.

रात के करीब नौ बजे रास्ते में 10 से 12 लोगों ने उन्‍हें घेर लिया.इसके बाद सबने हमलोगों को पकड़ लिया और हमें सुनसान खेत में ले गए. खेत में उनलोगों ने कहा कि प्रशासन आने वाला है, घुटनों के बल बैठ जाओ. इसके बाद उन्‍होंने मेरे पापा से पूछा कि क्‍या करते हो ? उनलोगों ने हमारे पास जो कुछ भी था सब छीन लिया. हम जो कपड़े शॉपिंग करके लाए थे और  मेरी मां ने जो गहने पहने थे, सब कुछ छीन लिया.उसके बाद उनलोगों ने मेरे पापा से पर्स भी छीन लिया और मेरे और मेरे पापा के सिर पर रिवॉल्वरतान दिया. फिर हमलोगों को वहां से दूर ले गए. मेरे पापा को पेड़ से बांध दिया और मेरे साथ चार लोगों ने दुष्कर्म किया. इन दौरान बाकी लोग लोग मेरे मम्मी-पापा के पास थे. उसके बाद सबने मेरी मां के साथ मेरे और पापा की आंखों के सामने दु्ष्कर्म किया. हम रहम की भीख मांगते रहे लेकिन हमारी सुनने वाला कोई नहीं था.

क्या पीडिता की यह कहानी काफी नहीं है समाज को झकझोर देने के लिए .क्या ये नाकाफी है खून खुला देने के लिए ? इतना बड़ा काण्ड हो गया लेकिन कोई आन्दोलन नहीं हुआ.न जनता सड़क पर उतारी और ना ही किसी नेता ने आन्दोलन और बंद का कॉल दिया ..सड़क पर उतरने की बजाय सब तमाशा देखने पीडिता के घर पहुँचने लगे.उसके साथ सेल्फी और तस्वीर खिंचवाने लगे .किसी नेता को इस बात का अहसास नहीं हुआ कि अपनी सबकुछ लूटा चुकी बेटी के घर पहुँचाने और पूछताछ करने से उसका दुःख कम नहीं होगा बल्कि और बढेगा .उसका दुःख तो तब कम होता जब उसके लिए ये जनता ,ये नेता सड़क पर उतर जाते .बेटियों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन जाता .

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