सिटीपोस्टलाईव:मानसून के धोखे और आंधी-तूफान के कहर से तबाह किसानों को नीतीश सरकार ने बड़ी राहत देने का फैसला लिया है.चौपट फसलों की भरपाई के लिए सरकार एक नयी फसल बीमा योजना लागू करने जा रही है.इस योजना के तहत अब किसानों को फसल बिमा के लिए कोई प्रीमियम राशि नहीं देनी होगी. योजना इसी खरीफ फसल से लागू हो जाएगी.
गुरुवार को राज्य सरकार सहकारिता मंत्री राणा रणधीर ने प्रगतिशील किसानों से योजना के बारे में विचार-विमर्श किया.उन्होंने कहा कि नई योजना का लाभ रैयत एवं गैर रैयत दोनों किसानों को मिलेगा.इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को ऑनलाइन निबंधन कराना होगा. फसलों के नुकसान का आकलन पिछले सात वर्षों की औसत के सापेक्ष वर्तमान क्षति के आधार पर किया जाएगा. किसानों को अधिकतम दो हेक्टेयर की फसलों पर योजना का लाभ दिया जायेगा.
फसल बिमा इस योजना के तहत करने वाले किसानों को प्रत्येक खरीफ एवं रबी मौसम में ऑनलाइन पोर्टल पर निबंधन कराना अनिवार्य होगा. इसी निबंधन को आवेदन माना जाएगा. जो किसान ऑनलाइन निबंधन नहीं करा पाएंगे, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा. गैर रैयत श्रेणी में प्रत्येक परिवार से एक सदस्य को ही इसका लाभ मिलेगा. मुआवजे की राशि के लिए किसानों को दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा और अब एनइएफटी या आरटीजीएस के जरिए मुवावजे की राशि सीधे किसानों के खाते में जाएगी.
सहकारिता मंत्री के अनुसार संबंधित पंचायतों या प्रखंडों का पिछले सात वर्षों की औसत उपज दर के सापेक्ष अधिकतम दो हेक्टेयर में वर्तमान नुकसान के आधार पर फसल मुआवजा मिलेगा. नुकसान की गणना कटनी प्रतिवेदन के आधार पर होगी. 20 फीसद नुकसान पर 75 सौ रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम 15 हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा. इससे अधिक क्षति पर 10 हजार रुपये की दर से दो हेक्टेयर के लिए अधिकतम 20 हजार और गैर रैयत किसानों को 50 फीसद राशि मिलेगी.