सिटी पोस्ट लाइव : पटना हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करना मोतिहारी के पूर्व डीईओ को महंगा पड़ा है.कोर्ट ने मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मोतिहारी के पूर्व डीईओ (डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर) को दो दिनों की जेल की सजा सुनाई है.कोर्ट ने उन्हें 50 हजार रुपये का हर्जाना भी याचिकाकर्ता कुमारी पूनम को देने के लिए कहा है. जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने पंचायत टीचर की नियुक्ति से संबंधित मामले पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया.
01.10.2007 को याचिकाकर्ता की नियुक्ति पूर्वी चंपारण के सेमवापुर पंचायत में टीचर के पद पर हुई थी, लेकिन 04.09.2012 को याचिकाकर्ता को अपने पद से हटा कर उसकी जगह मुन्नी कुमारी को उक्त पद पर नियुक्त कर लिया गया था. याचिकाकर्ता ने जब कोर्ट का सहारा लिया और कई मुकदमे लड़े तो पंचायत टीचर के पद पर उन्हें दोबारा नियुक्त कर लिया गया.इसके बाद याचिकाकर्ता ने एक अवमानना याचिका दायर कर कोर्ट से गुहार लगाई कि उसे जुलाई 2019 तक का वेतन जारी किए जाने हेतु आदेश पारित किया जाना चाहिए.
उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की शिकायत निवारण हेतु उपयुक्त प्राधिकार से संपर्क करने की स्वतंत्रता दी. इस आलोक में डीईओ ने 11.11.2019 को एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता द्वारा डीईओ पर अनावश्यक दबाव डाला जा रहा है. साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि अगले आदेश तक याचिकाकर्ता से कार्य नहीं लिया जाना चाहिए. यदि कार्य लिया जाता है तो प्रभारी प्राचार्य की जवाबदेही होगी.
जब हाईकोर्ट ने डीईओ को नोटिस जारी किया तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि अब वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उन पर अवमानना की कार्रवाई न की जाए. अदालत ने उन्हें अवमानना का दोषी पाते हुए उन्हें दो दिनों तक पटना के बेऊर जेल भेजने की सजा सुना दी. याचिकाकर्ता को 50 हज़ार रुपये देने के लिए भी कहा.