सिटी पोस्ट लाइव : पूर्वी चम्पारण में बाढ़ की स्थिति बेहद गम्भीर और भयावह होती जा रही है। लगातार हो रही बारिश से बाढ़ ने विकराल शक्ल अख्तियार कर लिया है ।बागमती नदी में आये उफान से पूर्वी चम्पारण जिले के सीतामढी और शिवहर जिले से संपर्क पूरी तरह से टूट चुके हैं। यही नहीं, पताही के प्रखंड के कई गाँव में भी बाढ़ का पानी तेजी से फैलने लगा है जिससे लोग, ऊँची जगह की ओर जान बचाने के लिए भाग रहे हैं। पूर्वी चम्पारण जिला में पिछले 48 घन्टों से हो रही लगातार बारिश और नेपाल के तराई इलाकों से आये पानी ने जिले में बाढ़ की स्थिति को भयावह बना दिया है। बाढ़ से पूर्वी चम्पारण जिले का सीतामढी और शिवहर जिले से सीधा सड़क सम्पर्क टूट गया है, जबकि जिले के पताही प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का पानी तीव्र गति से प्रवेश करने लगा है।
लगातार दूसरी बार आयी बाढ़ ने जन-जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। दूसरी बार आयी बाढ़ के कारण लोग ऊँचे स्थान की ओर शरण लेने के लिए पलायन करने लगे हैं। हद की इंतहा देखिए कि दूसरी बार आयी बाढ़ के बाद भी प्रशासन की ओर से नाव और अन्य सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई है। इससे लोगों में नाराजगी है और ग्रामीण अपने ही संसाधन से जिन्दगी बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। ग्रामीण युवक ओमप्रकाश बताते है कि बागमती नदीं में आये ताजे उफान ने पिछले 24 घन्टे में फिर से बाढ़ ला दी है,जिससे खोडीपाकड, कोदरिया, जिहूली आदि गाँव में तेजी से पानी फैल रहा है। ग्रामीण हरिशंकर साह बताते हैं कि सरकारी स्तर पर कोई सहायता नहीं मिली है। यहां तक कि गांव में अभी तक एक भी सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं हो सकी है।
ग्रामीण राउत बताते हैं कि गांव में आज सुबह से पानी आना शुरु हुआ है लेकिन पिछले सप्ताह आयी बाढ के बाद भी ना तो कोई जनप्रतिनिधि और ना ही कोई सरकारी अधिकारी ही गाँव में आये। सरकार की ओर से आज तक कोई भी सुविधा नहीं मिल सकी है।
बड़ा सवाल यह है कि लोगों को अपनी जान को बचाना मिल का पत्थर साबित हो रहा है और सरकार के साथ-साथ सिस्टम मूक और बधिर बनकर तमाशबीन है । आखिर जनता की सिसकती जिंदगी की रखवाली कौन करेगा ? ना रहने का ठिकाना और ना ही पेट भरने के लिए दाना….आखिर ये निरीह और मजबूर लोग करें भी तो क्या ? यहाँ सरकार और सिस्टम दोनों फेल है।
सिटी पोस्ट के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह की खास रिपोर्ट