सिटी पोस्ट लाइव : इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। रांची के रिम्स में इलाज के लिए भर्ती चारा घोटाले के सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित ऑडियो टेप मामले में बरियातू थाना पुलिस एफआइआर दर्ज नहीं करेगी।
आरजेडी सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ 27 नवंबर को बीजेपी नेता अनुरंजन अशोक ने रांची के बरियातू थाने में शिकायत की थी। अपनी शिकायत पत्र के साथ बीजेपी नेता ने एक पेन ड्राइव भी दिया था। इसमें कथित ऑडियो होने का दावा किया गया था। शिकायत पत्र स्वीकार करने के दौरान थाना प्रभारी की ओर से भरोसा दिलाया गया था कि वह इस मामले में उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे।
यह भी कहा गया था कि इस बात की विवेचना की जाएगी कि इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की ओर से एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है अथवा नहीं। यह भी कहा गया था कि शिकायत पत्र के साथ दिए गए ऑडियो की सत्यता की जांच की जाएगी। ऑडियो की प्रमाणिकता की रिपोर्ट आए बगैर ही शिकायत मिलने के 13 दिनों बाद आखिरकार बरियातू पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज करने से इन्कार कर दिया है।
पुलिस की ओर से इस मामले में एफआइआर दर्ज करने में अपनी असमर्थता व्यक्त करने के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर किसके इशारे पर इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने में अड़चन पैदा की जा रही है। पुलिस के आला अधिकारियों ने इस मामले में फिलहाल चुप्पी साध रखी है।
बरियातू थाना के इंस्पेक्टर सपन महथा ने कहा कि विधायक को फोन करने के मामले में पटना में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। ऐसे में रांची में दोबारा प्राथमिकी दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर कोई सनहा दर्ज कराता है तो थाने की यह जिम्मेवारी है कि वह सनहा स्वीकार करे।
बता दें कि बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और वर्तमान में राज्यसभा सांसद सुशील मोदी की ओर से अपने ट्विटर हैंडल के जरिये इस बात का दावा किया गया था कि रांची में सजा काटने के दौरान लालू प्रसाद यादव ने बिहार में बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायक से फोन पर बातचीत की। इसमें उन्होंने बिहार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहने के लिए कहा। इसके बदले विधायक को प्रलोभन दिया गया।