सिटी पोस्ट लाइव : कांग्रेस पार्टी के विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने विपक्षी दलों के नेताओं पर FIR दर्ज कराने को अधिनायकवादी प्रवृत्ति बताते हुए इसकी भर्त्सना की तथा कहा कि राज्य सरकार विपक्षी दलों के नेताओं पर केस मुकदमा दर्ज कर एक गलत परंपरा को जन्म दे रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि उनके राज्य में क्या विपक्षी नेताओं के लिए अलग और सत्ता पक्ष के नेताओं के लिए अलग कानून है? कहा कि पटना में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सहित राजद के अन्य वरिष्ठ नेताओं पर जिन वजहों को गिना कर FIR दर्ज किया गया है वह उसकी बदनीयती को दर्शाता है क्योंकि अगर सरकार की नियत ठीक होती तो उसे दरभंगा में खाद्य मंत्री मदन साहनी और भाजपा विधायक अजय सरावगी के ऊपर भी गत दिनों लॉक डाउन में लगातार सोशल Distancing के उल्लघंन करने पर FIR दर्ज करना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि ये पहला अवसर नही है जब विपक्षी नेताओं पर मुकदमा दर्ज हुआ है इस से पहले पटना के कोतवाली थाने में कांग्रेस के बिहार मामलों के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, सांसद अखिलेश सिंह और मेरे विरुद्ध भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन में भाग लेने पर FIR दर्ज कराया जा चुका है तथा गर्दनीबाग थाने में महिला कांग्रेस के धरना प्रदर्शन में भाग लेने पर 12 कांग्रेसी विधायकों पर भी FIR दर्ज कराया जा चुका है। रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा पर भी इस सरकार ने मुकदमा दर्ज और पुलिस के द्वारा बल प्रयोग भी कराया है।उन्होंने सरकार के मंत्री मदन साहनी और भाजपा विधायक की फ़ोटो जारी कर सरकार से पूछा कि क्या यह सोशल Distancing का उल्लघन नही?
राज्य के पुलिस महानिदेशक बताएं कि उनकी पुलिस ने अब तक इन लोगों पर FIR क्यों नही दर्ज कराई? उन्होंने कहा कि बिहार के सार्वजनिक जीवन मे सत्ता पक्ष द्वारा विपक्ष के प्रति ऐसी दुर्भावना और प्रतिशोध से ग्रसित होकर राजनीति पहले नही देखी गयी। सरकार में बैठे लोग जब पावर और कानून का बेजा इस्तेमाल विपक्ष की आवाज को दबाने में करने लगे तो समझिए कि ऐसे लोगों का अब सत्ता से जाने का वक्त निकट आ गया है।