मजदूर से मुख्यमंत्री तक सफर तय करने वाले ‘मांझी’ की गया में किस्मत दांव पर है
सिटी पोस्ट लाइवः लोकतंत्र का महापर्व आज से शुरू हो गया है। लोकसभा चुनाव 2019 का आज पहला मतदान दिवस है यानि पहले चरण के लिए आज वोटिंग हो रही है। बिहार की चार लोकसभा सीटों पर भी पहले चरण के तहत वोटिंग हो रही है। औरंगाबाद, गया, जमुई, और नवादा के प्रत्याशियों की किस्मत आज ईवीएम में कैद हो जाएगी। इन चार सीटों में सबसे अहम गया की सीट हैं जहां बिहार के पूर्व सीएम और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी की न सिर्फ किस्मत दांव पर है बल्कि उनकी राजनीतिक साख भी दांव पर है। मांझी राज्य के पहले दलित मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे विपक्षी महागठबंधन में बड़ा दलित चेहरा हैं।
जीतनराम मांझी मजदूरी से जिंदगी की शुरुआत कर डाक विभाग में क्लर्क बने, फिर राजनीति में उतरकर मुख्यमंत्री तक बने। वे बिहार में कांग्रेस, राजद और जदयू की सरकारों में मंत्री रह चुके हैं।जीतनराम साल 2014 में वे मुख्यमंत्री बने। जब नीतीश कुमार ने बाद में उन्हें इस्तीफा देने को कहा तो उन्होंने अस्वीकार कर दिया। फिर उन्होंने अपनी पार्टी (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) बनाया और राजग का हिस्सा बने। लेकिन राजग में फिर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शामिल होने के बाद के बदले राजनीतिक घटनाक्रम में वे राजग से किनारा कर महागठबंधन में आ गए। अब वे महागठबंधन की तरफ से गया सेचुनाव मैदान में हैं।