सिटी पोस्ट लाइव : आज बिहार के लोगों की जुबां पर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का नाम तैर रहा है। बिहार के बेटे और बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत केस में जिस संजीदा तरीके से बिहार पुलिस को लीड किया सभी उनके कायल हो गये। बिहार पुलिस के मुखिया अपने मातहतों के लिए खुद फ्रंट पर आए और जिस तरह से उनका मनोबल बढ़ाया उसे बिहार आगे आने वालों कई दशकों तक नहीं भूल सकेगा। आज हम आपकों बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की कुछ अकनही बातें बताने जा रहे हैं। बिहार के डीजीपी अपनी अनोखी पुलिसिंग के लिए जाने जाते हैं वे अपने मातहत अधिकारियों को सम्मान देना जानते हैं तो उनकी गलती पर सजा भी देते हैं।अपने कार्यकाल में उन्होंने करीब 400 दागी अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है।
गुप्तेश्वर पांडेय के बारे में एक सबसे बड़ी बात हम आपको बताने जा रहे है कि आज बिहार के युवाओं के प्रेरणास्रोत बन चुके ये तेजतर्रार पुलिस अधिकारी कभी 11वीं की परीक्षा में फेल हो चुके हैं। दरअसल गुप्तेश्वर पांडेय़ को साइंस की पढ़ाई पसंद नहीं थी। मन नहीं लगता था पढ़ने में परीक्षा दी तो फेल हो गये। उसके बाद उन्होनें आर्ट्स लेकर पढ़ाई की और पास कर गये। गुप्तेश्वर पांडेय बताते हैं कि गांव के माहौल में पढ़े लिखे। झोपड़ी में और बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई की।भोजपुरी भाषा में ही पढ़ाई करते थे, ऐसे माहौल में साइंस बहुत भारी विषय था, गुप्तेश्वर पांडेय को संस्कृत से लगाव था सो उन्होनें इसी विषय से बीए किया। वे बताते हैं कि पिता और माता जी दोनों ही अनपढ़ थे। बीए कर लेने के बाद उन्हें लगा बेटे ने बहुत पढ़ाई कर ली है। लेकिन इस बीच उन्होनों आईआरएस ( इंडियन रेवेन्यू सर्विस ) की परीक्षा पास कर ली लेकिन यहां भी वे हिसाब-किताब में फेल हो गये।
गुप्तेश्वर पांडेय बताते हैं कि दरअसल जब वे बतौर आईआरएस अधिकारी नौकरी कर रहे थे तो उनके सामने सात-सात अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया गया । जिससे वे दहशत में आ गये कि इतनी मेहनत से नौकरी मिली एकाउटेंसी आती नहीं कहीं मुझे भी नौकरी से हाथ न धोना पड़े। इसके बाद वे आईपीएस अधिकारी बनने की राह पर आगे बढ़ चले। यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईपीएस अधिकारी का रैंक पाया। गुप्तेश्वर पांडेय पुलिस सेवा में जाने के पीछे भी कुछ रोचक वजहों का जिक्र करते हैं। वे बताते हैं कि जब वे दस साल के थे तो घर में सेंधमारी हो गयी थी। घर पर एक पुलिसवाला आया और उसने उनके माता-पिता और परिवार वालों से बदसलूकी की। इस घटना के बाद उनके बालमन पर खासा प्रभाव पड़ा और वहीं उन्होनों ठाना कि एक दिन पुलिस अधिकारी बन कर बदलाव लाऊंगा।
गुप्तेश्वर पांडेय बताते हैं कि आज 50 साल बाद भी उसी घटना का प्रभाव आज तक उनके दिलों-दिमाग पर है। वे हर वक्त पुलिसिंग में कुछ नया करने की सोचते हैं। वे चाहते हैं कि पुलिस दोस्त बन कर लोगों के साथ काम करें। इसे उन्होनें अपने अधिकारी जीवन में कायम भी किया। वे जहां भी रहे लोगों को प्यार-दुलार उन्हें मिलता रहा। आज डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने पुलिस अधिकारी रहते हुए लोकप्रियता की ऊंची उड़ान भरी है। उन्हें फेम इंडिया की लिस्ट में 10 लोकप्रिय भारतीय हस्तियों की सूची में शामिल किया है। वहीं देश के नामचीन 25 आईपीएस अधिकारियों की सूची में भी उन्होनें अपना नाम दर्ज करवाया है।