नवंबर-दिसंबर में भी रात में कंबल की नहीं पड़ेगी जरूरत?

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : मानसून के आखिरी समय में जोरदार बारिश होने को लेकर अगर आप ये सोंच रहे हैं कि इस साल सर्दी बहुत जल्द आनेवाली है, सर्दी ज्यादा पड़नेवाली है तो आप गलत हैं. इस बार नवंबर-दिसंबर के महीने में रात के वक्त भी कम्बल की जरुरत नहीं पड़ेगी. एक रिपोर्ट के अनुसार इस बार रात के वक्त तापमान अधिक रहने की संभावना है.मानसून के आखिरी क्षण में इतनी ज्यादा बारिश हो गई कि लोगों को फैन तक बंद करना पड़ा.लोगों के जेहन में सवाल आने लगा कि क्या इसबार अक्टूबर महीने से ही सर्दी की शुरुवात हो जायेगी.

जलवायु विशेषज्ञों और दक्षिण एशियाई जलवायु आउटलुक फोरम (SASCOF) की रिपोर्ट के अनुसार ला नीना के बावजूद इस बार रात में तापमान अधिक रहेगा जैसा आमतौर पर होता नहीं है. इस रिपोर्ट के अनुसार इस साल की सर्दियों में भारत के अधिकांश हिस्सों में रातें गर्म रहेंगी. जो अनुमान लगाया गया है यदि वैसा ही रहा तो नवंबर और दिसंबर के शुरुआती दिनों में रात के वक्त कंबल की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.

प्रशांत महासागर के ऊपर ला नीना के बावजूद नवंबर और दिसंबर के महीनों में रात के वक्त सामान्य से अधिक तापमान का अनुभव होगा. ऑस्ट्रेलिया के मौसम विज्ञान ब्यूरो ने प्रशांत महासागर में लगातार तीसरे वर्ष ला नीना का प्रभाव रहेगा, एक्सपर्ट और पहले की स्टडी के अनुसार ला नीना की वजह से आमतौर पर भारत में तापमान कम रहता है. हालांकि इस बार ऐसा होने की संभावना नहीं है. विशेषज्ञों के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग के संकेत स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं और और ला नीना के बावजूद, इस साल नवंबर और दिसंबर में रात का तापमान अधिक रहने की संभावना है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) केअनुसार भारत के अधिकांश क्षेत्रों में इस साल अक्टूबर से दिसंबर तक रात के वक्त सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है. रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत के अधिकांश हिस्सों में, अत्यधिक उत्तर और उत्तर पूर्व को छोड़कर, इस साल अक्टूबर से दिसंबर तक ठंडे दिन रहने की संभावना है लेकिन रात का तापमान अधिक रहेगा. अल नीनो का मतलब स्पेनिश भाषा में छोटा लड़का होता है. ला नीना का स्पेनिश भाषा में मतलब छोटी लड़की होता है. प्रशांत महासागर में समुद्री सतह के औसत तापमान में वृद्धि को अल नीनो और तापमान कम होने को ला नीना कहा जाता है. अल नीनो 2 से 7 साल के अंतराल पर आता रहा है. समुद्री सतह पर इसकी मौजूदगी से सतह का औसत तापमान 5 डिग्री तक बढ़ जाता है. वहीं दूसरी तरफ ला नीना का प्रभाव अल नीनो के बिल्कुल उलट है. ला नीना में 2 से 5 डिग्री तापमान कम होता है और इस दौरान मौसम ज्यादा नम होता है.

Share This Article