सिटी पोस्ट लाइव: बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं की चरमराई हुई व्यवस्था सबके सामने आ चुकी है. वहीं, कल से करीब 26 हजार एनएचएम कर्मी होम आइसोलेशन गए हुए हैं जिसके कारण इलाज में काफी बाधा आ रही है. इसी क्रम में अब स्वास्थ्य समिति के ईडी ने बड़ा कदम उठाया है. दरअसल, स्वास्थ्य समिति के ईडी मनोज कुमार ने जिले के डीएम ,एसपी और सिविल सर्जन को पत्र लिख है. जिसके मुताबिक उन्होंने होम आइसोलेशन में गए हुए सभी स्वास्थ्यकर्मियों पर जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है.
दरअसल, स्वास्थ्य समिति के ईडी मनोज कुमार को सूचना मिली थी कि कोरोना संक्रमण से उत्पन्न विपरीत स्थिति में स्वास्थ्य कर्मियों के अनाधिकृत रूप से होम आइसोलेशन में जाने से आम लोगों की कोरोना जांच, कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का इलाज, प्रबंधन और टीकाकरण जिलों में प्रभावित हो रहा है. जो लोगों के लिए काफी घातक साबित हो सकता है. पहले ही उचित रूप से स्वास्थय सेवाओं के उपलब्ध ना होने की वजह से एक के बाद एक कोरोना मरीजों की मौत हो रही है.
बता दें कि, एनएचएम कर्मियों की मांग थी कि बीमा, स्वास्थ्य बीमा और सेवा स्थायी की जाए और इसी को लेकर वे होम आईसोलेशन में चले गए हैं. वहीं, अब बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के सचिव ललन कुमार सिंह का कहना है कि सरकार चाहे जो भी कार्रवाई करे लेकिन तब तक एनएचएम कर्मी काम पर नहीं लौटेंगे जब तक कि मांगे पूरी नहीं होती है. संघ ने यह भी कहा कि अगर 12 दिनों में मांगें पूरी नहीं होती है तो सभी 38 जिलों के 26 हजार संविदा कर्मी एक साथ सामूहिक इस्तीफा देंगे.