कोरोना के दौरान कफन बनानेवाले 24 घंटे कर रहे हैं काम, रोजाना 50 हजार कफन बना रहे

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सिटी पोस्ट लाइव: कोरोना महामारी ने पूरे विश्व में कोहराम मचा रखा है. भारत देश में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. वहीं कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसे लेकर गया जिले के मानपुर प्रखंड के पटवा टोली मोहल्ले में बड़े पैमाने पर कफन व पितांबरी का निर्माण हो रहा है. कफन बनाने के लिए 15 से 20 परिवार लगातार लगे हुए हैं. लोगों का कहना है कि पूर्व में मांग बहुत कम थी.

लेकिन, अब कोरोना के कारण मौतों के आंकड़ों में हुई वृद्धि को लेकर यह मांग दुगनी हो गई है. पूरे परिवार के साथ दिन-रात कफन बनाने में लगे हुए हैं. गौरतलब है कि, मानपुर का पटवाटोली बिहार का मैनचेस्टर उद्योग के रूप में विख्यात है. मानपुर के पटवाटोली में 10 हजार से भी ज्यादा पावर लूम मशीने लगी हुई हैं. जो मुख्य रूप से चादर व गमछा बनाने का कार्य करती हैं. इनके बनाए गए गमछा और चादर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा सहित देश के कई राज्यों में निर्यात होते हैं.

लेकिन, अब पावरलूम बंद पड़ गया है. कोरोना के कारण ना तो व्यापारी यहां चादर गमछा खरीदने आ रहे हैं और ना ही यहां निर्माण हो पा रहा है. यहां की अधिकतर मशीनें बंद है और पूरा मोहल्ला सुनसान पड़ा हुआ है. लेकिन इसी पटवाटोली के 15 से 20 घर ऐसे हैं जहां की पावर लूम की मशीन चालू है. इन मशीनों पर चादर, गमछा के बजाय अब कफन बनाया जा रहा है.

                                                                                              गया से जीतेन्द्र कुमार की रिपोर्ट

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