सिटी पोस्ट लाइव : भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करनेवाले लोगों की चिंता बढती जा रही है क्योंकि बीते हफ्ते में बीएसई (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 491.90 अंक या 0.83 प्रतिशत टूटा है. हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भी बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली. बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1.31 फीसद या 773.11 अंक की गिरावट के साथ 58,152.92 पर बंद हुआ था. वहीं, 50 शेयरों वाला निफ्टी (Nifty) 1.31 फीसद या 231.10 अंक की गिरवट के साथ 17,374.75 पर बंद हुआ था.
बाज़ार लगातार इसलिए गिर रहा है क्योंकि विदेशी निवेशक अपना पैसा लगातारनिकाल रहे हैं. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने फरवरी के पहले पखवाड़े में भारतीय बाजारों से 14,935 करोड़ रुपये की निकासी की है. यह लगातार चौथा महीना है, जब एफपीआई बिकवाल रहे हैं. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 11 फरवरी के दौरान एफपीआई ने शेयरों से 10,080 करोड़ रुपये और ऋण या बॉन्ड बाजार (debt or bond market) से 4,830 करोड़ रुपये तथा हाइब्रिड माध्यमों से 24 करोड़ रुपये की निकासी की है.
‘अमेरिका के केंद्रीय बैंक द्वारा नरम मौद्रिक रुख को छोड़ने के संकेत के बाद एफपीआई की बिकवाली बढ़ी है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत के बाद वैश्विक स्तर पर बॉन्ड पर रिटर्न बढ़ा है. अमेरिका में मुद्रास्फीति 40 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई है. ऐसे में अमेरिकी केंद्रीय बैंक (US central bank) आगामी महीनों में आक्रामक तरीके से ब्याज दरों (interest rates) में बढ़ोतरी कर सकता है. इससे भारतीय शेयरों से विदेशी फंड की निकासी और बढ़ सकती है.
कोटक सिक्योरिटीज (Kotak Securities) के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान के अनुसार फरवरी में आज की तारीख तक उभरते बाजारों में प्रवाह का रुख मिला-जुला रहा है. इस दौरान थाइलैंड, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और फिलिपीन में निवेश का प्रवाह क्रमश: 115.5 करोड़ डॉलर, 58 करोड़ डॉलर, 47.7 करोड़ डॉलर और 13.3 करोड़ डॉलर रहा है. वहीं दूसरी ओर इस दौरान ताइवान से 41 करोड़ डॉलर की निकासी हुई है.जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार के अनुसार ‘‘वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख तथा अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर रिटर्न बढ़ने से आगामी दिनों में एफपीआई की बिकवाली जारी रहेगी.’’