सिटी पोस्ट लाइव : दुनियाभर में गैस की भारी किल्लत (global gas crunch)की वजह से भारत में गैस की कीमत (domestic gas prices) दोगुना हो सकती है. सीएनजी (CNG), पीएनजी (PNG) और बिजली की कीमतें बढ़ जाएगी. सरकार का फर्टिलाइजर सब्सिडी बिल (fertilizer subsidy bill) भी बढ़ जाएगा.ग्लोबल इकॉनमी कोरोना का कहर से बाहर निकल रही है और इसके साथ ही एनर्जी की मांग भी बढ़ रही है. लेकिन 2021 में इसकी सप्लाई को बढ़ाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए. इन कारणों से गैस की कीमत में काफी तेजी आई है.
घरेलू इंडस्ट्रीज पहली ही आयातित एलएनजी (LNG) के लिए ज्यादा कीमत चुका रही है. इसकी वजह लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स हैं जहां कीमत कच्चे तेल से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने स्पॉट मार्केट से खरीदारी कम कर दी है जहां कई महीनों के कीमत में आग लगी हुई है.लेकिन इसका असर अप्रैल में देखने को मिलेगा जब सरकार नेचुरल गैस की घरेलू कीमतों में बदलाव करेगी. इंडस्ट्री के जानकारों और एनालिस्ट्स का कहना है कि इसे 2.9 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढ़ाकर 6 से 7 डॉलर किया जा सकता है. रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के मुताबिक गहरे समुद्र से निकलने वाली गैस की कीमत 6.13 डॉलर से बढ़कर करीब 10 डॉलर हो जाएगी.
देश में घरेलू नेचुरल गैस की कीमतें हर साल अप्रैल और अक्टूबर में तय होती हैं. अप्रैल की कीमत जनवरी से दिसंबर 2021 की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर आधारित होगी.घरेलू नेचुरल गैस की कीमत में एक डॉलर की तेजी होने पर सीएनजी की कीमत 4.5 रुपये प्रति किलो बढ़ जाएगी. इसकी मतलब है कि सीएनजी की कीमत में 15 रुपये प्रति किलो बढ़ सकती है.सीएनजी की गाड़ियों के लिए अभी कॉस्ट आर्बिट्रेज पेट्रोल के मुकाबले 55 फीसदी है. अगर पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी जारी रही तो यह संतुलन बना रहेगा. लेकिन अगर तेल की कीमत नहीं बढ़ती है या इसमें गिरावट आती है तो फिर स्थिति अलग होगी. अगर कॉस्ट आर्बिट्रेज 40 फीसदी या इससे अधिक होता है तो सीएनजी में कनवर्जन का कोई फायदा नहीं होगा.