सिटी पोस्ट लाइव : राजद ने अपने सभी विधायकों और विधान परिषद् के सदस्यों को लेकर एक आदेश जारी किया था, जिसके मुताबिक राजद के फंड में 10 हजार रुपये जमा करने के लिए कहा गया था. इस आदेश के बाद विधायकों ने विरोध भी किया था फिर भी प्रस्ताव का पालन राजद के सभी विधायकों के द्वारा किया गया. इसे लेकर तबसे राजनीति भी तेज हो गई है. जदयू के बाद अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने राजद पर हमला किया है. विधायकों से फंड में पैसे जमा कराने को लेकर मांझी ने तंज कसते हुए कहा कि जो पैसे राजद अपनी पार्टी के विधायकों से पार्टी चलाने के लिए लेने जा रही है वो पैसे बिहार के व्यपारियों, डाक्टरों, उद्योगपतियों, होटल कारोबारियों से माँगे जाने थें पर बिहार की जनता ने भय और जंगलराज के ख़िलाफ़ वोट देकर खुद को इन सब से बचा लिया।
विधायकों से पार्टी चलाने के लिए .@RJDforIndia के द्वारा जो पैसे माँगे जा रहें हैं वास्तव में वह बिहार के व्यपारियों,डाक्टरों,उद्योगपतियों,होटल कारोबारियों से माँगे जाने थें पर बिहार की जनता ने भय और जंगलराज के ख़िलाफ़ वोट देकर खुद को इन सब से बचा लिया।
अब जो साथ है वह भुगत रहा है
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) December 20, 2020
बता दें पिछले दिनों जहां रजनीतिक गलियारे में मांझी का राजद के साथ जाने की अफवाह चल रही थी, वो अब खत्म हो गई है. जिसे इस बात से समझा जा सकता है कि मांझी लगातार राजद पर हमलावर है. वो ट्वीट कर विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं. इससे पहले मांझी ने कहा था कि बिहार के अपराध को लेकर चिंता का दिखावा करने वाले . राजद और उनके सहयोगी दलों के नेताओं से आग्रह है कि आप अपने कार्यकर्ताओं और जेल में बंद नेताओं को समझा दें,तो सूबे में 80 फ़ीसदी से ज़्यादा अपराधिक घटनाएँ यूँ ही खत्म हो जाएँगीं।
जाहिर है राजद द्वारा अपनी पार्टी के विधायकों से फंड में पैसे जमा कराने को लेकर इससे पहले जदयू ने हमला किया था. जदयू पार्टी के नेता अजय आलोक ने ट्वीट करते हुए कहा था कि, पहले टिकट के लिए पैसा दो , जीतने के बाद तनख़्वाह में कमीशन दो , हार गए हो तो पेन्शन में कमीशन दो , अबे नोट खाते हो क्या ? भूख की सीमा होती हैं , पैसा के मामले में लालू प्रसाद जी आपसे आगे निकल गया ये , कुबेर का राक्षसी साधक हैं ये.