सिटी पोस्ट लाइव, रांची: विधानसभा परिसर के आसपास ऊंचे भवन का निर्माण नहीं करें। मंत्रीगण और वरीय अधिकारियों के लिए निर्मित होने वाले आवास में समरूपता रखें। इन आवासों का डिजाइन मुख्य सचिव के साथ बैठक कर तय करें। इस कार्य में गुणवत्ता का ध्यान रखना आवश्यक है। भविष्य में खाली होने वाले पुराने आवास की उपयोगिता क्या होगी, इसका ब्योरा दें। ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने ग्रेटर रांची डेवलपमेंट ऑथोरिटी के निदेशक पर्षद की 27वीं बैठक में कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्थापितों के पुनर्वास के लिए आवश्यक कदम उठाएं। आवास बनकर तैयार हैं। निर्मित आवासों में विस्थापित परिवार को शिफ्ट करने का कार्य करें। विस्थापित परिवार के चयन में सावधानी बरतें।
मंत्रीगण, विधायकों और अधिकारियों के लिए आवास
मुख्यमंत्री को ग्रेटर रांची डेवलपमेंट ऑथोरिटी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार चौबे ने बताया कि मंत्रीगण, विधायकगण और वरीय अधिकारियों के लिए निर्मित होने वाले आवास जी प्लस 2 से ऊपर के नहीं होंगे।विस्थापितों के पुनर्वास हेतु नये आवास का निर्माण हुआ है। सभी आवास 12 सौ 50 स्क्वायर फ़ीट के हैं और प्लाट का एरिया 27 सौ स्क्वायर फ़ीट है। यह निर्माण कार्य 52.823 एकड़ में हुआ है। इसके अतिरिक्त अन्य प्रस्तावित निर्माण कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है। प्रस्तावित निर्माण कार्य के लिए कंसलटेंट नियुक्ति के बाद विचार-विमर्श होगा। इसके उपरांत कार्ययोजना तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री को 149 एकड़ में प्रस्तावित वाटर पार्क निर्माण की पूर्ण जानकारी ग्रेटर रांची डेवलपमेंट ऑथोरिटी के प्रबंध निदेशक ने दी।
नीलामी से होगा लाभ
मुख्यमंत्री को बताया गया कि आम लोगों के उपयोग हेतु भूमि की नीलामी की योजना है। नीलामी से करीब 15 सौ करोड़ रूपये प्राप्त हो सकते हैं। ये सभी भूमि विधानसभा से दूर हैं। विधानसभा सत्र के दौरान यहां आर्थिक गतिविधि करने या रहने वालों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
32 संस्थानों को मिली है भूमि
मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि आईटी पार्क के लिए भूमि आवंटित कर दी गई है। इस भूमि में 32 संस्थानों को भूमि दी गई है। उनमें से कुछ संस्थानों ने निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। भारतीय प्रबंध संस्थान के भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त के के खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव हिमानी पांडेय, ग्रेटर रांची डेवलपमेंट ऑथोरिटी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार चौबे, जीआरडीए के जीएम ऐ के द्विवेदी, कंपनी सेकेट्री एस के बथुवाल व अन्य उपस्थित थे।