बिहार में रेमडीसीवीर दवाई के वितरण में गड़बड़ी, पप्पू यादव ने किया खुलासा

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बिहार में रेमडीसीवीर इंजेक्शन के वितरण में भारी अनियमितता का आरोप सरकार पर लगाते हुए पूछा है कि आखिर किस आधार पर 3 दिनों में ईश्वरदयाल हॉस्पिटल को 250, फोर्ड को 100, राजेश्वरी को 150, मेडिवेसिल को 78, पाटलिपुत्र मल्टी 33 रेमडीसीवीर दिया गया? उन्होंने पूछा कि इसमें दुकानों पर बैठे मजिस्ट्रेट की कितनी संलिप्तता है और भेंडर, ड्रग्स इंस्पेक्टर व स्वास्थ्य विभाग का प्राइवेट असप्तालों से किस तरह का मिलीभगत है। आज ये बिहार की जनता जानना चाहती है।

ये खुलासा आज पप्पू यादव ने पटना में सिवान जाने से पूर्व एक प्रेस वार्ता में कही। पप्पू यादव ने न्यूयॉर्क टाइम्स की बातों को कोट करते हुए साफ – साफ कह दिया कि देश का लोकतंत्र बेशर्म हो गया है और यहाँ राक्षसी स्मारक बने हैं। पूर्व सांसद ने बिहार सरकार द्वारा आपदा के वक़्त असप्तालों में एएनएम, लैब टेक्नीशियन, वार्ड बॉय समेत डॉक्टरों की 3 महीने के लिए बहाली पर सवाल खड़े किए और कहा कि यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आपदा के वक़्त अपना चेहरा चमकाने के लिए कर रहे हैं। उनके पास प्रदेश की जनता को बचाने के लिए कोई इच्छाशक्ति नहीं है। अगर होती तो अभी प्राइवेट असप्तालों के लूट और रेमडीसीवीर वितरण में धांधली पर अविलंब कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि यह बिहार का दुर्भाग्य है कि बीते 3 सालों से कोई सीनियर रेसिडेंट डॉक्टर बहाल नहीं किये गए हैं। इसलिये ये बहाली आपदा के वक्त सरकार द्वारा डैमेज कंट्रोल से ज्यादा कुछ भी नहीं है।

पप्पू यादव ने कहा कि फरवरी में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि देश में महामारी खत्म हो चुकी है। कोरोना के लिए कोरोमिल लीजिये। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसी भी कीमत पर ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं करने का आर्डर निकाला और कोरोना टाइम में बैंक कर्मचारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग हो रही है। इससे कोरोना की चैन कैसे टूटेगी? जबकि बैंक कर्मी एक जगह से दूसरे जगह जाएंगे। इसलिए सीतारमन कोरोना फैलाने का केस दर्ज हो। इसके अलावे उन्होंने पूछा कि भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी के घर 150 एम्बुलेंस क्यों खड़ी है, जब कि आज उसकी बेहद जरूरत है। ये एम्बुलेंस आम आदमी के काम क्यों नहीं आ रही?

पप्पू यादव ने कहा कि जब राजस्थान की सरकार घर – घर दवाई पहुंचा सकती है, अपने लोगों की 5 लाख का बीमा करवा सकती है और आंध्र प्रदेश की सरकार अपने यहां प्राइवेट असप्तालों में कोरोना का फ्री इलाज करा सकती है, तो बिहार क्यों नहीं? हम सरकार से मांग करते हैं कि अभी बिहार में सभी विकास योजनाओं को बंद कर लोगों को बचाने के लिए प्राइवेट असप्तालों में सबों का इलाज फ्री करवाये। साथ ही बिहार के लोगों का भी बीमा सरकार कराए। और मुंबई के तर्ज पर बिहार के होटलों में भी कोरोना बेड लगा कर इलाज की व्यवस्था सरकार करे।

अंत में, पप्पू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार को इच्छा शक्ति दिखानी चाहिए या वो मुझे 3 महीने के लिए स्वास्थ्य विभाग दे दें। मैं एक भी आदमी को कोरोना संकट में भी कम से कम सिस्टम, दवाई या ऑक्सीजन से तो मरने नहीं दूंगा। एम्बुलेंस फ्री कर दूंगा और डेवलपमेंट के नाम पर नेताओं की लूट को रोक कर मेरी प्राथमिकता लोगों की जान बचानी होगी।

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