सिटी पोस्ट लाइव : आमतौर पर बेटियां बोझ समझी जाती हैं, लेकिन बिहार के बेगूसराय जिले में एक ऐसा भी गांव है जहां की बेटियां मां-बाप और जिले के लिए स्वाभिमान हैं। बेटियों के प्रदर्शन के बूते अब गांव का नाम ही खेल गांव है। इस गांव की दर्जनों बेटियों ने राज्य और देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन कर खेल गांव और बिहार का नाम रौशन किया है। साथ ही फुटबॉल में बेहतरीन प्रदर्शन कर विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी भी प्राप्त की है।
तेघरा प्रखंड अंतर्गत पड़ने वाला खेल गांव आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है, क्योंकि इस गांव में फुटबॉल अब खेल न होकर जुनून बन गया है। इस गांव में संतोष ट्रॉफी जैसे बड़े और भव्य आयोजन हो चुके हैं और बाईचुंग भूटिया जैसे फुटबॉलर यहां की महिला खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर चुके हैं ।वैसे तो ये गांव भी जिले के अन्य गांवों की तरह सामान्य गांव ही है, लेकिन इस गांव की बेटियों ने वो कर दिखाया जो बेटों के लिए भी चुनौती बन गई है। यूं देखा जाए तो शुरुआती दौर में इन बच्चियों को काफी कठिनाइयों एवं चुनौतियों का सामना करना पड़ा क्योंकि ग्रामीण परिवेश होने की वजह से लोगों के द्वारा तरह-तरह की चर्चाएं भी की जाती थी और ताने भी दिए जाते थे। लेकिन इन बच्चियों के जुनून ने उन सभी तानों की परवाह नहीं की और आज राज्य ही नहीं राष्ट्रीय स्तर तक अपना परचम लहरा रही हैं ।
दरअसल आज से लगभग 30 साल पहले इस गांव में महिलाओं ने फुटबॉल खेलना शुरू किया था। 27 साल पहले जब यहां की बेटियों ने फुटबॉल खेलना शुरू किया तो उन्हें परिवार के सदस्यों और समाज का विरोध झेलना पड़ा। लेकिन समय के साथ इस गांव का माहौल भी बदला।बेटियों के मां-बाप ने उन्हें अपना कैरियर चुनने का अवसर दिया। इसके बाद ताबड़तोड़ प्रदर्शन कर यहां की दो दर्जन से ज्यादा लड़कियों ने फुटबॉल के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करके विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी हासिल की। आर्थिक तंगी से जूझ रहे कई परिवारों के लिए बेटियां लक्ष्मी का रूप बनकर आई और अपने परिवार की माली हालत को ठीक करते हुए अपने छोटे भाई बहनों की पढ़ाई लिखाई का जिम्मा भी संभाला। सामाजिक बदलाव के साथ अब इस गांव की पहचान बेटियों की बदौलत होती है। राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में यहां की बेटियों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर बेगूसराय और बिहार का नाम रौशन किया है।
वही बेगूसराय के जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी सह खेल पदाधिकारी भुवन कुमार ने भी महिला दिवस के अवसर पर इन होनहार बच्चियों को शुभकामनाएं दी हैं तथा कहा है कि आज इन बच्चियों की बदौलत बेगूसराय जिला का खेल गांव राष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान बना चुका है । इन बच्चियों के जुनून और ग्रामीणों की लगन का नतीजा है कि आने वाले दिनों में भी खेल गांव की बच्चियां राष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान बनाने में लगातार कामयाब होती रहेंगी।
बेगूसराय से सुमित कुमार की रिपोर्ट