सिटी पोस्ट लाइव : बिहारशरीफ में स्वास्थ महकमे की लापरवाही के कारण दो किशोरों को कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज दे दी गयी. अब दोनों को विशेषज्ञों की निगरानी में रखा गया है. बता दें कि किशोरों पर कोविशील्ड टीका का अभी तक ट्रायल नहीं किया गया है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से बड़ी लापरवाही सामने आई है.
जानकारी के अनुसार, नालंदा के बिहारशरीफ में दो किशोरों को कोवैक्सीन के बजाय कोविशील्ड का टीका देने का मामला सामने आया है. पूरे देश में किशोर- किशोरियों को कोवैक्सीन वैक्सीन दी जा रही है. अब किशोर भाइयों के परिजनों को अनहोनी की चिंता सता रही है. किशोर पियूष रंजन और आर्यन किरण बिहारशरीफ के प्रोफेसर कॉलोनी के रहने वाले हैं.
पीयूष रंजन ने बताया कि उन्होंने कोवैक्सीन का स्लॉट बुक करा कर सोमवार को तकरीबन 10 बजे स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र आईएमए हॉल गए थे. उनकी उम्र 17 साल के आसपास है। कागजी प्रक्रिया पूरी कर टीका लगवाया। इस दौरान उसे और उसके भाई को कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड वैक्सीन लगने का पता चला। किशोर के पिता प्रियरंजन कुमार ने बताया कि यह स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही है।
ताज्जुब तो यह है कि किशोर को कोविशील्ड की डोज दी गयी। जबकि, उसके मोबाइल पर कोवैक्सीन डोज लेने की सूचना दी गयी थी। यानि प्रमाणपत्र के अनुसार किशोर को 28 दिन के बाद दूसरी डोज लेनी होगी। जबकि, हकीकत में युवक को 84 दिन बाद दूसरी डोज लगेगी। पीड़ित ने बताया कि जब उनलोगों ने इसकी शिकायत की तो आनन-फानन में टीका देने वाले दोनों कर्मचारियों को वहां से हटा दिया गया.