पटना में बढ़ते संक्रमण के कारण कोर्ट ने किए दरवाजे बंद, वर्चुअल सुनवाई पर भी लगी रोक

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना का कहर राजधानी पटना में सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. जितने संक्रमित मिल रहे हैं, उसके साथ ही मौत का आंकड़ा लोगों को भयभीत कर रखा है. सरकार की नाईट कर्फ्यू से कुछ ज्यादा फर्क देखने को नहीं मिल रहा है. ऐसे में अब अब न्यायालय ने भी अपने दरवाजे बंद कर लिये हैं. पटना के सभी सिविल कोर्ट और अनुमंडल कोर्ट में चल रहे न्यायिक कार्य आज से 12 मई तक के लिये बंद कर दिया गया है. 12 मई तक कोर्ट परिसर में एंट्री पर भी सशर्त रोक लगा दी गई है. यहां तक कि वर्चुअल न्यायिक कार्य पर भी ब्रेक लगा दी गई है.

संक्रमण से बचाव को प्राथमिकता देते हुए पटना जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील दत्त मिश्रा ने जिले के सभी सिविल कोर्ट और अनुमंडल कोर्ट में चल रहे वर्चुअल न्यायिक कार्य भी बंद कर दिये हैं. अब फिलहाल किसी भी केस की सुनवाई नहीं हो पाएगी. आदेश में कहा गया है कि कोरोना चेन को तोड़ने के उद्देश्य से पटना उच्च न्यायालय से निर्देश प्राप्त कर अदालत को आज 3 मई से 12 मई तक के लिए बंद किया गया है. कोर्ट के मुख्य प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मियों पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है.

जाहिर पिछले 24 घंटे में राज्य भर में 13534 नये मरीज सामने आये हैं. पटना (Patna) में फिर से एक बार कोरोना विस्फोट हुआ है और एक साथ 2748 मरीज मिले हैं. बढ़ते संक्रमण के आंकड़ों के बाद एक्टिव केस की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. राज्य में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 1 लाख 99 हजार 45 पहुंच गई है जबकि पटना में भी एक्टिव केस की संख्या 17 हजार 590 पर है.

जिन जिलों में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज मिले हैं उनमें पूर्णिया में 483, औरंगाबाद में 410, नालन्दा में 611, वैशाली में 805, वेस्ट चम्पारण में 652, सहरसा में 428, समस्तीपुर में 268, गोपालगंज में 365, गया में 544, बेगूसराय में 569, भागलपुर में 535, कटिहार में 374, मधुबनी में 351 मरीज शामिल हैं. संक्रमण के अनुपात में राज्य में रिकवरी दर में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है और रिकवरी दर 77.36 प्रतिशत पर है.

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