सिटी पोस्ट लाइवः बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 13 हजार के पार चली गयी है। मौतों के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं। बिहार में कोरोना से संक्रमित होने वाले नेताओं की फेहरिस्त लगातार लंबी हो रही है और कल से पटना सहित कई जिले लाॅकडाउन रहेंगे जाहिर है यह सबकुछ संकट की भयावहता को बयां करता है मगर बिहार के कुछ नेताओं की बेपरवाही देखिए उनके लिए सियासत सबकुछ है और संकट मजाक है। कोरोना की प्रकृति हीं ऐसी है कि संक्रमित के संपर्क में आने वालों के संक्रमित होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है ऐसे में बिहार के कई नेता कोरोना के मामूली प्रोटोकाॅल का पालन नहीं कर रहे। शुरूआत जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव से करते हैं।
पप्पू यादव ने दावा किया है कि वे दो बार कोरोना से संक्रमित हुए और ठीक भी हो गये। सवाल है कि पप्पू यादव ने खुद में संक्रमण की पुष्टि होते हीं खुद को क्वेंरेटाइन क्यों नहीं किया? संक्रमण के भीषण दौर में अब तो सबको पता है कि लक्षण दिखने या संक्रमित होने पर खुद को दूसरों से अलग रखना है, आइसोलेशन में रहना है ऐसे में पप्पू यादव राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय दिखाई दिए क्या उन्होंने दूसरों को संक्रमित नहीं किया और सवाल यह भी है कि यह अमानवीय नहीं है? क्या कोरोना जैसी महामारी मजाक है? अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की बात कीजिए। आरजेडी के महानगर अध्यक्ष महताब आलम कोरोना संक्रमित पाए गये। तेजस्वी, अब्दुल बारी सिद्धकी सब उनके संपर्क में आए थे क्या तेजस्वी यादव ने अपनी कोरोना जांच करायी? क्या तेजस्वी यादव क्वेरेंटाइन हुए। तेजस्वी बैठक कर रहे हैं, अपनी पार्टी और सहयोगी दलों के बड़े नेताओं से मिल रहे हैं क्या सियासत के लिए संकट की सावधानी, सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना का प्रोटोकाॅल सब ताक पर?
अब कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल की बात कीजिए। जब तेजस्वी यादव को लेकर सवाल पूछा गया तो कह रहे हैं जांच की जरूरत नहीं हांलाकि शक्ति सिंह गोहिल यह नहीं बता पाए कि क्वरेंटाइन होने की जरूरत है या नहीं? सावधान रहिए एहतियात बरतिए कोरोनो पर प्रवचन देने वाले बिहार के कई नेता खुद संक्रमण का खतरा बढ़ा रहे हैं। संकट उनके लिए मजाक है क्योंकि प्राथमिकताओं में सियासत है, चुनाव है। ये समझे न समझे मगर ये पब्लिक है सब जानती है।