बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के उम्र पर विवाद, 10 साल में बड़े हो गये 15 साल

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सिटी पोस्ट लाइव : विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए नामांकन के समय दाखिल किए जाने वाले शपथ पत्र को आधार मानें तो बिहार के नवनियुक्त डिप्टी तारकिशोर प्रसाद की उम्र पिछले पांच साल में दोगुने से भी ज्यादा बढ़ गयी है। उनके द्वारा चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र के अनुसार पिछले पांच साल में उनकी उम्र में 12 साल की बढ़ोतरी हो गयी। प्रसाद कटिहार से भाजपा के विधायक हैं। पहली बार उन्हें डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

तारकिशोर प्रसाद ने विभिन्न चुनावों में उम्मीदवार बनने के दौरान अलग-अलग शपथ पत्र के माध्यम से उम्र की अलग-अलग जानकारी दी है। इसके कारण ही यह स्थिति सामने आई है। उन्होंने 2010 में शपथ पत्र के माध्यम से खुद के 49 वर्ष के होने की जानकारी दी थी।

वहीं, वर्ष 2015 के विस चुनाव में इनकी उम्र में मात्र तीन साल की ही बढ़ोतरी हुई और ये 52 साल के हो गए। अब पांच साल बाद 2020 के बिहार विस चुनाव के समय उन्होंने जो शपथ पत्र दाखिल किया, उसके अनुसार इनकी उम्र बढ़कर 64 वर्ष हो गयी है। इस तरह 2015 और 2020 के बीच इनकी उम्र में 12 साल की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। वहीं, वर्ष 2005 के बाद बिहार विस का अगला चुनाव तो पांच साल बाद यानी 2010 में हुआ, लेकिन इस बीच श्री प्रसाद की उम्र में मात्र एक वर्ष की बढ़ोतरी हुई।

इस बारे में बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद का कहना है कि बिना मतलब के मेरी उम्र को तूल दिया जा रहा है। मेरा जन्म पांच जनवरी, 1956 को हुआ है। वर्ष 2015 के चुनावी शपथ पत्र में 59 वर्ष ही लिखा है, जिसे 52 पढ़ा जा रहा है। इस बार 2020 के शपथ पत्र में 64 वर्ष लिखा है।शपथ पत्र के साथ मैट्रिक का शैक्षणिक प्रमाण पत्र दिया जाता है, जिसमें उम्र सहित सभी जानकारियां रहती हैं। संभवत: 2010 के शपथ पत्र में उम्र लिखने को लेकर मानवीय भूल हुई है।

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