सिटी पोस्ट लाइव :कांग्रेस पार्टी बिहार में भी काफी सक्रीय हो गई है.अखिलेश प्रसाद के प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ पार्टी की राजनितिक गतिविधियाँ अचानक बढ़ गई हैं. कांग्रेस पार्टी बिहार में 34 साल बाद अपने बलबूते रैली करने जा रही है.5 जनवरी को बांका में गैर चुनावी रैली हो रही है.उसी दिन से कांग्रेस भी राज्य के दक्षिणी-पूर्वी जिले बांका से यात्रा शुरू करेगी..इस रैली और यात्रा का मकसद कांग्रेस को उसी 34 साल पहले वाली स्थिति में लाना है.
इस यात्रा की शुरुवात राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन के नेतृत्व में होगी. यात्रा का आरंभ कांग्रेस की रैली से हो रही है. इसके पहले वर्ष 1988 में भागवत झा आजाद के मुख्यमंत्रित्व काल में पटना में हुई रैली को तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने संबोधित किया था.रैली का आयोजन युवा कांग्रेस के तत्वावधान में किया गया था. उस समय केन्द्र और बिहार दोनों जगह कांग्रेस की सरकार थी. हालांकि सबसे अंत में वर्ष 2019 के फरवरी में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के पहले पटना के गांधी मैदान में चुनावी रैली की थी जिसे राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने संबोधित किया था. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने बांका की रैली को सफल बनाने का आहवान किया है.
बांका से शुरू होने वाली भारत जोड़ो यात्रा का समापन बोधगया में होगा. भारत जोड़ो यात्रा का जिलावार रूट जारी कर दिया है. बांका के मंदार पर्वत से शुरू होने वाली यह यात्रा 1200 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बोधगया में खत्म हो जाएगी. यात्रा 17 जिलों से होकर गुजरेगी.21 जिलों में अलग से यात्रा निकाली जायेगी जो इस मूल यात्यारा में मिल जाएगी. दो महीने तक चलने वाली भारत जोड़ो यात्रा में 200 मूल यात्री पूरे यात्रा में रहेंगे.
5 और 6 जनवरी को बांका, 7, 8 और 9 जनवरी भागलपुर उसके बाद 10 जनवरी को यह यात्रा खगड़िया पहुंचेगी. उसके बाद बेगूसराय, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना, आरा, बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद होते हुए बोधगया में यात्रा का समापन होगा. पटना की रैली में सोनिया या प्रियंका गांधी और बोधगया की रैली में राहुल गांधी शामिल होंगे.गौरतलब है कि 5 जनवरी से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी यात्रा पर निकल रहे हैं.