उप्र और बिहार में कांग्रेस अकेले लड़ सकती है चुनाव, राहुल ने दे दिया है संकेत
सिटी पोस्ट लाइव : कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का संकेत दे दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कई दिलचस्प चीजें हैं, जिन्हें कांग्रेस उत्तर प्रदेश में कर सकती है. उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस का आइडिया काफी मजबूत है. ऐसे में हमें अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा है और हम लोगों को चौंका देंगे.यह पहला मौका है जब राहुल ने उप्र में अकेले चुनाव लड़ने का संकेत दिया है. इससे पहले बसपा और सपा ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस को समर्थन दिया. राहुल ने कहा, “हम सभी विपक्षी पार्टियों को साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं. मैंने मीडिया में कुछ बयान सुने हैं, लेकिन हम मिलकर काम करने जा रहे हैं, हमें विश्वास है कि हम मोदी को हराएंगे. लेकिन मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि उप्र में कांग्रेस को हल्के में लेना बड़ी गलती है.
राहुल ने कहा- हमारा पहला मकसद नरेंद्र मोदी को हराना है. जिन राज्यों में हम मजबूत हैं या हम पहले नंबर पर हैं, वहां भाजपा के खिलाफ अकेले चुनाव लड़ेंगे. महाराष्ट्र, झारखंड, तमिलनाडु, बिहार में गठबंधन की संभावनाएं हैं. यहां गठबंधन का फॉर्मूला तैयार करने पर काम चल रहा है. मोदी को हराने के लिए हम अन्य राज्यों में गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं.
राहुल का बयान उस वक्त आया, जब देश के सबसे बड़े राज्य उप्र में सपा-बसपा ने एकसाथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है. माना जा रहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायवती कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं हैं. यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों पार्टियां कांग्रेस के लिए सिर्फ दो सीटें रायबरेली और अमेठी छोड़ सकती हैं, जहां से सोनिया गांधी और राहुल गांधी सांसद हैं.
बिहार में भी स्थिति ठीक नहीं है.RJD सुप्रीमो लालू यादव कांग्रेस को 7 से ज्यादा सीट देने के मूड में नहीं हैं. लेकिन कांग्रेस BJP –JDU की तर्ज पर बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है. आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग करेगें.सूत्रों के अनुसार जीतन राम मांझी के बाद उपेन्द्र कुशवाहा और सन ऑफ़ मल्लाह मुकेश सहनी के महा-गठबंधन में आ जाने के बाद RJD को लगता है कि कांग्रेस अगर अकेला चुनाव लादे तो महागठबंधन को ज्यादा फायदा हो सकता है.यानी उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में भी कांग्रेस के अकेला चुनाव लड़ने की संभावना बढती जा रही है.