पटना समेत तीन शहरों में पटाखे फोड़ने पर पूरी तरह रोक, जानें किस दिन सिर्फ 35 मिनट कर सकेंगे आतिशबाजी
सिटी पोस्ट लाइव : दिवाली में अब पटना समेत बिहार के तीन शहरों में पटाखों का शोर बिल्कुल भी सुनाई नहीं देगा। एक दिसंबर तक यहां पूरी तरह पटाखों पर रोक लगा दी गयी है। वहीं त्योहारों के मौके पर आतिशबाजी की समयसीमा भी तय कर दी गयी है। दिवाली पर केवल आठ से दस ही पटाखें फोड़ सकेंगे वहीं न्यूईयर के मौकै पर काफी कम समय तय किया गया है।
पटना, गया, मुजफ्फरपुर में एक दिसंबर तक पूरी तरह रोक लगाने के साथ ही पूरे बिहार में 125 डेसीबल से कम आवाज वाले पटाखे ही चल सकेंगे। हरित पटाखे यानी बहुत कम धुंआ उत्सर्जित करने वाले पटाखों के ही निर्माण और बिक्री की अनुमति राज्य सरकार ने दी है। पटाखों के निर्माण में बेरियम के उपयोग को भी वर्जित कर दिया गया है। ज्यादा शोर, वायु प्रदूषण और अपशिष्ट पैदा करने वाली लड़ी वाले पटाखों के निर्माण पर भी रोक लगा दी गई है।
बिहार में अब केवल हरित पटाखे ही बनेंगे और बिकेंगे। पटाखे चलेंगे भी तय समयसीमा के अंदर। ई-कॉमर्स वेबसाइटों के माध्यम से पटाखों की ऑनलाइन बिक्री भी प्रतिबंधित की गई है। सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के आदेश के क्रम में ऐसा किया गया है।लगातार बढ़ते प्रदूषण का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। तमाम शहरों में प्रदूषण के चलते दिन में भी धुंध की सी स्थिति दिखती है।
एनजीटी ने इसे गंभीरता से लेते हुए नौ नवंबर को आदेश जारी किया था। कहा था कि बीते साल नवंबर में देश के जिन शहरों में हवा की गुणवत्ता ठीक नहीं थी, वहां पटाखे ना बनेंगे और ना ही बिकेंगे। इस श्रेणी में बिहार के तीन शहर पटना, गया और मुजफ्फर शामिल हैं। असल में हवा की गुणवत्ता जांच की व्यवस्था भी केवल इन्हीं तीन शहरों में थी। एनजीटी ने देश के बाकी शहरों में भी प्रदूषण की रोकथाम के लिए कदम उठाने के लिए राज्य सरकारों से कहा था। राज्य सरकार ने इसका आदेश जारी कर दिया है।
राज्य सरकार ने त्योहारों के अवसर पर आतिशबाजी की समयसीमा भी तय कर दी है। दीपावली और गुरुपर्व पर केवल मान्य पटाखों का उपयोग रात आठ से 10 बजे के बीच किया जा सकता है। वहीं छठ पर सुबह छह से आठ बजे तक ही पटाखे चलेंगे। क्रिसमस और नववर्ष के मौके पर रात्रि 11.55 बजे से 12.30 बजे यानी सिर्फ 35 मिनट तक ही पटाखों का उपयोग किया जा सकेगा।
आदेश में सामुदायिक आतिशबाजी को प्रोत्साहित करने और इसके लिए जगह चिन्हित कर आमजन को सूचना देने को भी कहा गया है। इन आदेशों का पालन कराने का जिम्मा संबंधित पदाधिकारियों खासकर पुलिस को सौंपा गया है। थाना प्रभारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पटाखों का उपयोग केवल तय स्थान और समयसीमा में ही हो। ऐसा न करने पर उन्हें सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला माना जाएगा।
Comments are closed.