सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार में दलित की हत्या होने पर उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है. यह परिवाद मुजफ्फरपुर के सदर थाना क्षेत्र के भिखनपुरा निवासी गौरव सिंह के ओर दायर किया गया है.
गौरव सिंह ने कोर्ट में दायर अपने परिवाद में कहा है कि सीएम द्वारा बिहार में दलित की हत्या होने पर उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा से मैं काफी मर्माहत हुआ हूं. सीएम के इस एलान से बिहार में नौकरी पाने की लालच में दलितों की हत्या में वृद्धि होगी.उन्होंने कहा है कि किसी भी नौकरी का आधार परिजनों की हत्या नही हो सकती. सरकार की यह घोषणा बिल्कुल न्यायसंगत नही है. बिहार के मुख्यमंत्री एक संवैधानिक पद पर रहते हुए इस तरह की घोषणा आखिर कैसे कर सकते है?
कोर्ट ने इस परिवाद पर सुनवाई करने के लिए 14 सितंबर की तिथि मुकर्रर की है.गौरतलब है कि तेजस्वी यादव भी सरकार के इस फैसले का विरोध कर चुके हैं.लेकिन जीतन राम मांझी का कहना है कि तेजस्वी यादव और उनका परिवार दलित विरोधी है और इसलिए मुख्यमंत्री के इस बड़े ऐलान से उनको खुजली हो रही है.जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार का फैसला दलितों को मजबूती देगी न कि उनकी हत्या को प्रमोट करेगी.