सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कोर्ट में मुक़दमा दायर हो गया है. मुजफ्फरपुर के निगरानी कोर्ट में भ्रष्टाचार की धाराओं में मुख्यमंत्री के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है. इस परिवाद में मुख्यमंत्री के साथ-साथ पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद और निर्वाचन आयोग के सचिव योगेंद्र राम को भी अभियुक्त बनाया गया है. मुजफ्फरपुर जिला अधिकारी प्रणव कुमार पंचायती राज पदाधिकारी फैयाज अख्तर, पारू प्रखंड के बीडीओ समेत 14 लोगों के खिलाफ परिवाद दायर कराया गया है.
पंचायत चुनाव के मद्देनजर फर्जी वोटर लिस्ट तैयार किये जाने को लेकर पारु के चक्की सुहागपुर ग्राम पंचायत राज की मुखिया ममता देवी को भी अभियुक्त बनाया गया है. उत्तर बिहार निगरानी कोर्ट में यह मुकदमा आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468 477a 120 बी 34 एवं भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 2 दर्ज कराया गया है. सुनवाई की अगली तारीख 4 मार्च तय की गई है. इन सभी आरोपियों पर मुखिया ममता देवी के साथ मिलीभगत करके फर्जी वोटर लिस्ट तैयार कराने का आरोप लगाया गया है.
मुकदमा दायर करने वाले अधिवक्ता जय चंद्र सहनी के अनुसार पारु के चक्की सोहागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता चंदन सहनी ने यह परिवाद दायर कराया है. चंदन सहनी का आरोप है कि वर्तमान मुखिया ममता देवी और उनके पति सुरेश सिंह ने मिलकर दूसरे क्षेत्र के मतदाताओं को चक्की सुहागपुर पंचायत राज का मतदाता बताते हुए वोटर लिस्ट में उनका नाम दर्ज कराया गया है.फर्जी वोटर लिस्ट तैयार करा कर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए मुखिया ममता देवी ने साजिश रची.
इस साजिश के खिलाफ चंदन सहनी ने इन सभी अधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र भेजा लेकिन किसी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. हार कर चंदन साहनी ने न्यायालय की शरण ली है. भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दायर परिवाद से बिहार की राजनीति गारमा गई है.