सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) की रणनीति बनाने में सियासी दल व गठबंधन एक दूसरे को शह-मात देने की सारी रणनीति बनाने में लग गए हैं. दलबदल का सिलसिला भी तेज होता जा रहा है. गुरुवार को जहां आरजेडी ने जेडीयू (JDU) के एक बड़े कद्दावर नेता को पार्टी ज्वाइन करवाया, वहीं शनिवार को आरजेडी में टूट की खबरों से सियासी हलचल मचती रही. कहा जा रहा है कि कुछ बड़े नेता जल्दी ही आरजेडी छोड़ जेडीयू ज्वाइन करने वाले हैं. गौरतलब है कि RJD के प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके विजेंदर यादव (Vijendra Yadav) 7 जुलाई को जेडीयू (JDU) का दामन थाम लेंगे.
विजेंदर यादव ने शाहाबाद में RJD में बड़ी टूट का दावा किया है.JDU के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि तेजस्वी यादव पर आरजेडी नेताओं को भी भरोसा नहीं रह गया है. उन्हें भविष्य की चिंता सताने लगी है इसलिए संभावित टूट को रोक पाना तेजस्वी के बस का नहीं है. उन्होंने कहा कि आरजेडी के नेता निकलने के लिए बेताब हैं. चुनाव नजदीक है इस कारण लोग शामिल होने को तैयार भी और अब दल बदल कानून का भी कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.हालांकि आरजेडी ने संभावित टूट को नकारते हुए कहा कि जेडीयू टूट के सपने देख रही है. पार्टी के नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जेडीयू डूबती नाव है और इसमें कोई क्यों सवार होना चाहेगा. बिहार की 12 करोड़ जनता के दिल मे लालू हैं और आरजेडी के सभी विधायक एकजुट हैं.
कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि जेडीयू स्वागत को तैयार है पर जाएगा कौन? बाहर से जाने वालों को जेडीयू में कोई सम्मान नहीं मिलता है. जेडीयू हार के डर से आरजेडी के टूटने की बात कह रही है. हकीकत है कि बीजेपी जेडीयू को तोड़ने में लगी हुई है.गौरतलब है कि राजद विधायक महेश्वर यादव पहले ही कह चुके हैं कि नीतीश जी बस इशारा कर दें, हम उसी पल उनके पास आ जाएंगे. हमारे जैसे और भी कई विधायक हैं जो नीतीश जी की हां का इंतजार कर रहे हैं.