चिराग पासवान होंगे एलजेपी के नये सुप्रीमो, 28 नवंबर को पटना में ताजपोशी

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चिराग पासवान होंगे एलजेपी के नये सुप्रीमो, 28 नवंबर को पटना में ताजपोशी

सिटी पोस्ट लाइव :  लोक सभा चुनाव के पहले सीटों के बटवारे के दौरान जो स्मार्ट भूमिका निभानेवाले  केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे और जमुई से सांसद चिराग पासवान को पिता और पार्टी की तरफ से बड़ा तोहफा मिलने वाला है. चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्य़क्ष होंगे. सूत्रों के अनुसार 28 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में रामविलास पासवान चिराग पासवान को लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपेंगे. रामविलास पासवान खुद केंद्र सरकार में मंत्री बने रहेंगे लेकिन पार्टी की पूरी कमान चिराग पासवान संभालेगें.

रामविलास पासवान ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले चिराग को लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी. अपनी इस भूमिका को उन्होंने बखूबी निभाया. लोक सभा चुनाव के दौरान सीटों के बटवारे को लेकर चिराग पासवान ने बीजेपी के धुरंधर नेता अमित शाह पर  दबाव बना दिया था और अपनी पार्टी के साथ सम्मानजनक समझौता करने के लिए बीजेपी को मजबूर कर दिया था. यानी पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष की भूमिका बखूबी निभाने के बाद अब पूरी पार्टी की कमान उनके हाथ में देने का फैसला पासवान ने ले लिया है.

इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन में चिराग की अहम भूमिका रही थी. दिल्ली में चिराग की ताजपोशी का ऐलान करते हुए आज रामविलास पासवान ने कहा कि हम चाहते हैं कि अगली पीढ़ी अपना काम संभाले. पासवान ने कहा कि इसी साल 28 नवंबर को पार्टी की स्थापना दिवस कार्यक्रम के मौक़े पर पटना में इस बात का औपचारिक एलान होगा.चिराग ने अभिनय और फिल्म के क्षेत्र में काम करने के बाद अपने पिता की सलाह पर राजनीति का रूख किया था. राजनीति में आने से पहले 4 नवंबर 2011 को उनकी फिल्म ‘मिले ना मिले हम’ फिल्म रिलीज़ भी हो चुकी थी. 2013 में चिराग पासवान फिल्मी दुनिया छोड़ कर राजनीति में सक्रिय हुए थे. तब चिराग ने आरजेडी-एलजेपी गठबंधन के लोकसभा उपचुनाव के उम्मीदवार प्रभुनाथ सिंह के लिए चुनाव-प्रचार किया था.

चिराग पासवान रामविलास पासवान के इकलौते बेटे हैं. वो लोजपा संसदीय दल के भी अध्यक्ष हैं. 2019 में उन्होंने बिहार की जमुई सीट से दोबारा जीत हासिल की है. इस बार उनका मुकाबला रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी से था जिनको हराने में वो सफल रहे थे. अब देखना ये है कि चिराग पासवान रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत को कैसे संभालते हैं.

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