सिटी पोस्ट लाइव : एलजेपी में घमासान मचा हुआ है. पार्टी दो धड़े में विभाजित हो गई है. आज चाचा ही भतीजा के सबसे बड़े दुश्मन बने हुए हैं. लेकिन चिराग पासवान अपनी लड़ाई को धर्म-अधर्म से जोड़कर देख रहे हैं. चिराग इसे धर्म और अधर्म के बीच सियासी युद्ध घोषित कर चुके हैं और अपनी लड़ाई आगामी 5 जुलाई से पूरे बिहार में संघर्ष यात्रा शुरू कर आगे बढ़ाने जा रहे हैं. वे अपनों द्वारा छले जाने से बेहद आहत हैं, भावुक हैं, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी पर उनका भरोसा अब भी कायम है. एलजेपी में जारी सियासी संकट पर चिराग पासवान ने कहा कि जिनकी गोद (चाचा पशुपति कुमार पारस) में मैं खेला उन्होंने अपने हाथ खींच लिए. अब बात करने तक को तैयार नहीं. पहले मैं बीमारी से लड़ा, फिर परिवार से लड़ना पड़ा. मैं दुखी इसलिए हूं क्योंकि जब अपने ही मेरे साथ नहीं हैं तो फिर दूसरों (जेडीयू) से क्या ही शिकवा करूं.
चिराग ने आगे कहा कि पहले छोटे चाचा का निधन और पिता जी के निधन के बाद मैं हर चीज के लिए उन पर ही निर्भर था, पिता जी (राम विलास पासवान) के निधन के बाद चाचा जी में बहुत परिवर्तन देखा है. उन्होंने मुझसे बात करनी बंद कर दी. हालांकि उन्होंने पार्टी को तोड़ने का प्रयास पिता जी के रहते भी किया था. अगर उन्हें अध्यक्ष बनना था या केंद्र में मंत्री बनने की इच्छा थी, तो मुझसे कहते, मैं ख़ुद उनके नाम का प्रस्तावक बनता. चाचा पशुपति कुमार पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज की खुली बग़ावत पर चिराग कहते हैं कि मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि मेरे अपनों ने ऐसा धोखा दिया है. अगर इन लोगों को मेरे व्यवहार से कोई शिकायत थी, तो मेरी मां से बात कर सकते थे. चिराग यह भी कहते हैं कि पिता राम विलास पासवान की पार्टी और उनकी विरासत को बचाने की लड़ाई में वे कोई कसर नहीं रखेंगे.
चिराग पासवान बीजेपी से भी दुखी नजर आ रहे हैं.उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का दुख ज़रूर है कि उन्हें संरक्षण की ज़रूरत है, तब बीजेपी ने साथ नहीं दिया. उन्होंने कहा कि मैंने पूरी ईमानदारी से एक हनुमान की तरह अपनी भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि मैंने पीएम मोदी के हर फैसले का साथ दिया. अब बीजेपी देखे कि मेरा उन्हें साथ देना है या नहीं. इशारों में पीएम मोदी से मदद मांगते हुए चिराग पासवान ने कहा- हनुमान अकेले हैं तो राम को साथ आना चाहिए. चाहे वह धारा 370 की बात हो, चाहे ट्रिपल तलाक की बात हो चाहे एनआरसी की बात हो या राम मंदिर की बात हो, ये तमाम बड़े मुद्दे हैं, जिसमें नीतीश कुमार जी ने केंद्र सरकार का विरोध किया है.
चिराग ने कहा कि सीएए-एनआरसी पर तो सीएम नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराया था. लेकिन, रामायण में जिस तरह से हनुमान ने माता सीता की खोज से लेकर लंका जलाने का काम किया था, उसी तरह से मैं प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के हर फैसले में उनके साथ खड़ा रहा. चिराग पासवान ने कहा कि मेरी उम्मीद कायम है कि आज नहीं तो कल आदरणीय प्रधानमंत्री जी का संरक्षण मुझे मिलेगा. हालांकि बीजेपी नेताओं की चुप्पी जरूर मुझे दुखी करती है. लेकिन मेरा विश्वास है कि ‘जब हनुमान (चिराग पासवान) का वध हो रहा होगा तो राम (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ) खामोशी से नहीं देखेंगे.