सिटी पोस्ट लाइव : स्वतंत्रता दिवस के दिन ही चिराग पासवान ने पार्टी की आपात बैठक बुलाई. जमकर नीतीश कुमार को खरी-खोटी सुनाई. लगे हाथ उनसे कई ऐसे सवाल पूछ लिए जिसका जबाब देते किसी भी NDA नेता को नहीं बन रहा है.चिराग पासवान ने पहला सवाल ये पूछा है कि नीतीश जिस 15 साल के जंगलराज की दुहाई दे रहे हैं, उसी के साथ 2015 में चुनाव क्यों लड़े? दूसरा सवाल-2013 से लेकर अब तक नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी को बार-बार धोखा क्यों देते रहे ? बीजेपी के CAA-NRC के खिलाफ नीतीश कुमार ने विधानसभा से प्रस्ताव पारित करा लिया? ट्रिपल तलाक के मसले पर नरेंद्र मोदी को गांधी मैदान के मंच से गाली देने वाले को नीतीश कुमार ने रातो रात विधान पार्षद क्यों बना दिया?
चिराग पासवान ने कहा कि आज पिछले 15 साल में जो कुछ बिहार में हुआ है उसका श्रेय नीतीश कुमार को नहीं बल्कि बीजेपी और केंद्र की सरकार को जाता है. उन्होंने कहा कि कहा कि पिछले 15 सालों में नीतीश कुमार ने क्या किया इस पर बहस होनी चाहिये. हर घऱ बिजली पहुंचाने की बात होती है लेकिन पैसा तो केंद्र सरकार दे रही है. हर गांव तक सड़क पहुंचाने का दावा होता है लेकिन ये भी तो केंद्र सरकार की स्कीम है. बिहार में स्वास्थ्य सुविधा सुधारने के लिए केंद्र सरकार अरबों रूपये दे रही है लेकिन बिहार सरकार के अस्पतालों की क्या हालत है?
केंद्र सरकार सारे गरीबों को मुफ्त अनाज दे रही है लेकिन बिहार के किसी गांव में सही से अनाज नहीं बंट रहा है. चिराग पासवान ने कहा कि 15 साल बनाम 15 साल को चुनावी एजेंडा बनाने से कुछ नहीं मिलनेवाला.2010 के चुनाव में उसका लाभी मिल चूका है अब 15 साल बाद भी लालू का डर दिखाने से वोट नहीं मिलने वाला. चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार अभी भी जिस एजेंडे पर सरकार चला रहे हैं वह वही एजेंडा है जो 2015 में लालू-तेजस्वी के साथ मिलकर उन्होंने बनाया था. लोक जनशक्ति पार्टी अब अगले चुनाव में उसी एजेंडे को स्वीकार नहीं करेगा. अगर एनडीए चुनाव लड़ेगा तो एजेंडा भी एनडीए का ही होगा. नीतीश का महागठबंधन वाला एजेंडा नहीं चलेगा.
चिराग पासवान ने कहा कि 2014 में जब पूरे देश में नरेंद्र मोदी की लहर चल रही थी तो नीतीश कुमार इसे ब्लोअर की हवा करार दे रहे थे. नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन पाए , इसलिए 2013 में बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया. लोक जनशक्ति पार्टी उस वक्त भी नरेंद्र मोदी के साथ थी, आज भी मजबूती के साथ खडी है. जाहिर है चिराग पासवान बीजेपी को छेड़ना नहीं चाहते और नीतीश कुमार को छोड़ना नहीं चाहते .