मुख्य सचिव की रिपोर्ट-बक्सर में कोरोना से 6 मौतें, आयुक्त ने कहा-श्मशान में 789 जली लाशें.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में कोरोना मामलों में सरकारी व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रही पटना हाईकोर्ट में सरकार की ओर से सोमवार को दो रिपोर्ट पेश की गई. एक मुख्य सचिव की और एक पटना के प्रमंडलीय आयुक्त की. मुख्य सचिव की रिपोर्ट राज्य में कोविड-19 के आंकड़े थे तो प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट में बक्सर में गंगा में मिली लाशों का ब्योरा था.चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट में बताया गया है कि 1 मार्च से 13 मई के बीच बक्सर में कोविड से केवल छह मौतें हुई हैं. जबकि पटना के प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट में दर्ज है कि 5 से 14 मई के बीच बक्सर के श्मशान घाट पर 789 लाशें जलाई गईं. कोर्ट ने महाधिवक्ता ललित किशोर से पूछा कि कोविड की दूसरी लहर में जहां मात्र 6 मौतें ही रिपोर्ट में हैं, वहां के श्मशान में पिछले 10 दिनों में 789 लाशें कैसे जलाई गई हैं?

 महाधिवक्ता ने इस मामले में स्वास्थ्य महकमे से दोबारा आंकड़े मांगने की बात कहते हुए समय मांगा. इसके बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि बक्सर जिले में गत 1 मार्च से 13 मई तक कोविड के कितने एक्टिव मरीज रहे? जिन छह कोरोना मरीजों की मौत की बात सरकार ने बताई है वो कहां के हैं? इन सभी बिंदुओं पर सरकार को 19 मई तक जवाब देना है.पटना के प्रमंडलीय आयुक्त के हलफनामे के अनुसार बक्सर में पांच मई से 14 मई 2021 के बीच कुल 789 शव जलाए गए हैं. सबसे अधिक 106 शव 10 मई को जले. 5 मई को 102 शव जलाए गए. इस दौरान हर दिन 50 से अधिक शव बक्सर में जलाए गए हैं. उपरोक्त सभी दाह संस्कार बक्सर के मुक्ति धाम, चरित्रवन में हुए हैं.

 बक्सर में स्थानीय और अगल बगल के जिलों से रोजाना अमूमन 30-35 शव दाह संस्कार के लिए आते रहे हैं.गत 10 मई को कुल 71 शव मिले, जिसमें अधिकांश सड़े गले अवस्था में थे. तब बिहार और यूपी के गाजीपुर सीमा पर गंगा की ऊपर से आती धार में “महाजाल” बिछाया गया. नतीजतन 11 और 12 मई को क्रमशः 6 और 4 शव जाल में फंसे मिले जिससे पुष्टि हुई कि सारे शव यूपी से बह कर आये हैं. सारे शवों के आने की वीडियो रिकार्डिंग भी हुई है और पोस्ट मार्टम करवा कर डीएनए सैम्पल भी इकट्ठा किया गया है.

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