शराब से जुड़े कानून में सजा के साथ-साथ जुर्माना के रूप में मोटी राशि लिए जाने का प्रावधान है.सरकार जुर्माना की राशि को भी कम कर सकती है.सूत्रों के अनुसार शराब का सेवन करनेवालों को जुरमाना वसूलकर थाने से ही छोड़ दिए जाने की रियायत तो दी जायेगी .लेकिन शराब का कारोबार करते पकडे जाने पर कोई रियायत नहीं दी जायेगी .
सिटी पोस्ट लाईव :नीतीश सरकार ने शराबबंदी कानून में बदलाव की पहल शुरू कर दी है.गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने पहले ही आला अधिकारियों की एक कमेटी गठित कर कानून में सुधार और संशोधन के प्रस्ताव तैयार करने का काम सौंप दिया था.मसौदा बनकर तैयार है.सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही संशोधन को अमलीजामा पहना दिया जाएगा. कमेटी ने किन-किन मसलों पर रियायत दी जा सकती है,उस सम्बन्ध में सुझाव दिया है. कमेटी की रिपोर्ट का अध्ययन कानूनविद कर रहे हैं. उनके सुझाव पर महाधिवक्ता और मुख्यमंत्री के स्तर पर मंथन होगा उसके बाद सरकार कोई फैसला लेगी.
आला अधिकारियों की कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट के विधिवेत्ताओं को अपनी जो रिपोर्ट सौंपी उसमें शराबबंदी के कानून के अनुपालन में आनेवाली परेशानियों से अवगत कराया गया है.अब विधिवेता सलाह देगें कि किस तरह की परेशानी को कम किया जा सकता है.
मद्य निषेध विभाग के सूत्रों के अनुसार न्यायालय में शराबबंदी से जुड़े मामले की पैरवी कर रहे राज्य सरकार के अधिवक्ताओं ने पूर्व में यह सुझाव दिया है शराब की बोतल मिलने पर घर को जब्त किए जाने संबंधी विधिक प्रावधान में बदलाव होना चाहिए. उम्मीद है कि अब सरकार घर को जप्त करने की बजाय जुर्माना का प्रावधान किया जाएगा.
इसी तरह पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तहत चल रहे वाहनों में शराब की बोतल मिलने पर उसे जब्त किए जाने का कानून भी ख़त्म किया जा सकता है.शराब पीते हुए पकड़े जाने पर सजा के जगह पर जुर्माने का प्रावधान किया जा सकता है.लेकिन सार्वजनिकरूप से से शराब पीने वाले को रियायत नहीं दी जायेगी.शराब से जुड़े कानून में सजा के साथ-साथ जुर्माना के रूप में मोटी राशि लिए जाने का प्रावधान है.सरकार जुर्माना की राशि को भी कम कर सकती है.सूत्रों के अनुसार शराब का सेवन करनेवालों को जुरमाना वसूलकर थाणे से ही छोड़ दिए जाने की रियायत तो दी जायेगी .लेकिन शराब का कारोबार करते पकडे जाने पर कोई रियायत नहीं दी जायेगी .