बिहार में वित्तीय संकट पैदा करने की कोशिश में केंद्र सरकार.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में सत्ता परिवर्तन के साथ ही विकास की पहिया थमता हुआ दिखाई दे रहा है.बिहार सरकार के वित् मंत्री विजय चौधरी के अनुसार केंद्र सरकार बिहार में वित्तीय संकट पैदा करने की कोशिश कर रही है.वर्ष 22-23 में 3777 करोड़ समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत शिक्षकों को वेतन भुगतान हुआ है. राज्य सरकार ने खुद किया है. केंद्र सरकार ने इसमें एक पैसा भी नहीं दिया है.

विजय चौधरी ने बताया कि वर्ष 21-22 में समग्र शिक्षा अभियान पर 14 हजार करोड़ से अधिक खर्च हुआ. इसमें केंद्र को 8 हजार 500 करोड़ देना था, लेकिन केंद्र ने सिर्फ 3550 करोड़ दिया. शेष 10 हजार 500 करोड़ से अधिक खर्च राज्य सरकार ने खुद उठाए. समग्र शिक्षा अभियान में केंद्र सरकार का हिस्सा 60% होता है और राज्य सरकार का 40%. समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत अधिकांश राशि शिक्षकों के वेतन में दी जाती है.

विजय चौधरी ने कहा कि बिहार को जान-बूझकर बदनाम करने की साजिश की जा रही है. बिहार की वित्तीय स्थिति के बारे में जिन चीजों का जिक्र किया जा रहा है, वे किस प्रदेश में लागू नहीं हैं. बिहार में कर्ज लेने की जो सीमा है, उसमें कटौती कर दी गई है, जबकि कई राज्य अधिकतम सीमा से कहीं अधिक कर्ज ले चुके हैं.

बिहार सरकार के वित्त मंत्री के आरोपों पर भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा कि विजय चौधरी का आरोप सरासर निराधार हैं. मैं भी वित्त मंत्री रहा हूं. भारत सरकार के द्वारा राशि देने में 15 दिन से महीने दिन तक विलंब हो सकता है, लेकिन बिहार को नियमित तौर पर केंद्र के द्वारा राशि भेजी जाती है. जलापूर्ति सहित कई ऐसी योजनाएं हैं जिनमें केंद्र ने राशि भेजी, लेकिन बिहार सरकार ने उसका उपयोग नहीं किया..

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