सिटी पोस्ट लाइव: तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच बक्सर प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. बक्सर के रेलवे स्टेशन पर बनाए गए कोविड-19 जांच केंद्र से बगैर जांच कराए ही करीब 200 से अधिक प्रवासी यात्री भाग निकले. जहां प्रशासन की पूरी लापरवाही देखने को मिली. वहीं बता दें कि, इससे पहले भी बगैर जांच कराएं प्रवासी यात्री भागे जाने की खबर चलाई गई थी. जिसके बाद रेलवे स्टेशन पर तहकीकात करने के लिए जिला पदाधिकारी एसपी नीरज कुमार सिंह, एसडीओ कृष्ण कुमार उपाध्याय, और जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज रजक दूसरे दिन ही पहुंचे हुए थे.
उसके बावजूद भी आज पुणे पटना से उतरे हुए यात्री बगैर जांच कराएं भागने लगे. जहां पुलिस प्रशासन की लापरवाही देखी गई वहीं बार-बार इस बात की सूचना वरीय अधिकारी को दिये जाने के बावजूद भी जांच केंद्र पर पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं की गई. इसका असर आज देखने को मिला. जहां आज 200 से अधिक यात्री बिना जांच कराएं भेड़-बकरियों की तरह भागने लगें. बता दें कि देश में बढ़ते कोरोना को देखते हुए बक्सर जिला प्रशासन कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं उसके बावजूद भी लोग सतर्कता नहीं बरत रहे हैं. जिले में लगातार संक्रमित लोगों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी के बावजूद भी जिला प्रशासन लापरवाह दिख रहा है.
वहीं देश में कोरोना वायरस का संक्रमण दिन-प्रतिदिन लगातार बढ़ता ही जा रहा है. साथ ही कई राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति बन गई है. जहां प्रवासी मजदूर फिर से अपने घर को पलायन करना शुरू कर दिए है. जिसे देखते हुए जिला पदाधिकारी अमन समिति के द्वारा बक्सर के रेलवे स्टेशन पर कोविड-19 जांच केंद्र बनाया गया था.
जहां पुणे पटना लोकमान तिलक एक्सप्रेस आने वाले सभी यात्रियों का जांच करना था. पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती ना होने की वजह से पुणे पटना से आए हुए करीब 200 से अधिक यात्री भागने में सफल रहे. यह भी बता दें कि कोविड-19 जांच केंद्र पर मात्र एक पुलिसकर्मी को लगाया गया है. जिसका खामियाजा बक्सर जिले वासियों को भोगना पड़ेगा. जब भी जांच की प्रक्रिया की जाती है तब करीब 10 से 12 मरीज मिलते ही हैं. वैसे में आज 200 से अधिक मरीज भाग निकले.