सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में राजनीतिक गलियारे में भले हार जीत हो चुकी हो, लेकिन राजनीति ऐसी है जो कभी शांत नहीं हो सकती. इतना ही नहीं राजनीति की सबसे बड़ी बात ये है कि कौन कब किस ओर रुख कर ले ये समझ के पड़े है. आज ऐसा ही देखने को तब मिला जब बसपा और कांग्रेस के विधायक जदयू के दरवाजे पहुंच गए. बसपा के चैनपुर से एकमात्र विधायक मोहम्मद जमा खान जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण से मिलने उनके आवास पहुंचे. बसपा विधायक के साथ कांग्रेस के विधायक मुरारी गौतम भी थे. दोनों विधायकों ने जदयू के प्रदेश अध्यक्ष से करीब डेढ़ घंटे तक मुलाकात की. इस दौरान तीनों नेताओं में सियासी बातचीत ने ठंड में बिहार की राजनीति में गर्मी बढ़ा दी है.
ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले दिनों राजनीतिक गलियारे में ये हवा बह रही थी कि कांग्रेस टूट सकती है. और अब अचानक से कांग्रेस के विधायक जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से मिलने पहुंच गए. हालांकि बसपा के विधायक मोहम्मद जमा खान और कांग्रेस विधायक मुरारी गौतम से उनका पुराना संबंध है. यह दोनों शाहाबाद से चुनाव जीत कर आए हैं. लिहाजा यह मुलाकात सामान्य है. उन्होंने कहा कि इस दौरान शाहाबाद की समस्या और मां मुंडेश्वरी धाम के विकास पर चर्चा हुई.
वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शाहाबाद धान का कटोरा है. वहां सिंचाई की आवश्यकता है और सिंचाई की समस्या पर भी चर्चा हुई. उन्होंने आगे कहा कि वह मानते हैं कि सियासत में रिश्ता ऐसा हो कि अपनी-अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता के साथ-साथ जन समस्याओं पर सभी दलों की राय एक हो. वहीं, बसपा विधायक मो. जमा खान ने कहा कि वे क्षेत्र की समस्या को लेकर जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से मिलने आए थे. ऐसा नहीं है कि वह बसपा छोड़ कर जदयू में शामिल होने आए.
अब मामला क्या है और क्या नहीं ये तो अभी साफ नहीं है, लेकिन इतना जरुर है कि जदयू और कांग्रेस के साथ बसपा विधायक के बीच खिचड़ी जरुर पक रही है. ऐसे में देखना होगा कि इस खिचड़ी में तड़का लगता है या सुखी ही रह जाती है. वैसे तो खिचड़ी पक ही गई है और आने वाले दिनों में परोसी भी जा सकती है. ऐसा सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई है.