आईएस अधिकारी शिशिर सिन्हा ने आखिरकार बाजी मार ली. 1984 बैच के IAS अधिकारी शिशिर सिन्हा इसी साल 31 जुलाई को सेवानिवृत होनेवाले थे. सेवा निवृति से ठीक तीन महीने पूर्व उन्होंने वीआरएस के लिए सरकार को आवेदन दिया. सरकार ने उनके आवेदन को स्वीकार लिया है. आईएएस की नौकरी से वीआरएस लेकर अब वो बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. यानी तीन महीने की जगह अब वो बतौर बीपीएससी चैयरमैन ढाई साल और नौकरी में बने रहेगें.
सिटी पोस्ट लाइव : 1982 बैच के IAS अधिकारी शिशिर सिन्हा बीपीएससी के नए अध्यक्ष बनाये गए हैं. इससे पहले साल 2015 में शिशिर सिन्हा को विकास आयुक्त बनाया गया था. हालांकि शिशिर इसी साल 31 जुलाई को रिटायर होने वाले थे. लेकिन सेवा निवृति से ठीक तीन महीने पहले उन्होंने वीआरएस (Voluntary Retirement Scheme) के लिए आवेदन किया जो सरकार ने स्वीकार कर लिया. इसी वजह से वे अब BPSC के चेयरमैन के तौर पर अपनी सेवा देंगे. बता दें कि सामान्य प्रशासन विभाग ने आयोग को 3 नाम भेजे थे. इसमें आयोग ने चुनकर शिशिर सिन्हा के नाम पर मुहर लगा दी. इससे पूर्व साल 2015 में राज्य सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी आलोक कुमार सिन्हा को बिहार लोक सेवा आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था.बिहार राज्य योजना पर्षद के मुख्य परामर्शी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने वाले सिन्हा को के सी साहा के स्थान पर नियुक्त किया गया था. उनके रिटायरमेंट के बाद से यह पद खाली पड़ी थी. बताते चलें की शिशिर कुमार बिहार के बेगुसराय जिले के रहने वाले हैं. विनम्र स्वाभाव के शिशिर दिल्ली के हिंदू कॉलेज से इतिहास विषय में ग्रेजुएट हैं. इसके अलावा शिशिर स्वीडेन से ह्यूमन राइट्स पर एक शॉर्ट टर्म कोर्स भी किए हुए हैं. बिहार प्रशासनिक सेवा के श्रेष्ठ अफसरों में शुमार शिशिर सिन्हा ने अपने 35 साल के करियर में विकास आयुक्त, बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन के अध्यक्ष, जिलों के जिलाधिकारी और डिविजनल कमिश्नर के पद पर रहते हुए कुशल नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है.