सिटी पोस्ट लाइव : विधान सभा चुनाव में केवल नए लोग टिकेट लेने के लिए परेशान हैं तो सीनियर नेता अपनी सीट बचाने को लेकर जदोजहद कर रहे हैं. महागठबंधन हो या फिर NDA दोनों तरफ सिटिंग विधायकों के सीट पर दावे किये जा रहे हैं. जहां सभी सीटिंग एमएलए अपने विरोधियों को निबटाने की रणनीति बना रहे हैं तो कई ऐसे विधायक है इनको निबटाने में उनके दल के ही नेता लगे हुए हैं. पटना का बांकीपुर विधानसभा सीट से नितिन नवीन (MLA Nitin Naveen) लगातार जीत दर्ज करते आ रहे है. लेकिन इस बार बांकीपुर सीट पर उनकी अपने ही पार्टी की महिला नेत्री ने दावा थोक दिया है.
राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य और बीजेपी महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष सुषमा साहू ने भी बांकीपुर सीट पर अपना दावा ठोक दिया है. इस बार नितिन नवीन की बांकीपुर सीट पर पेंच फंसता नजर आ रहा है. सुषमा साहू ने इस सीट से न केवल दावा ठोंका है बल्कि लगातार जन संपर्क भी कर रही हैं. बीजेपी विधायक नितिन नवीन से जब इस बाबत बाते की गई तो इनका कहना था कि पार्टी में हजारों कार्यकर्ता होते है और पार्टी पर सबका अधिकार होता है चाहे वो दीदी हों या भैया.
नितिन ने बताया कि जो भी पार्टी के लिए काम करते है उनकी भी इच्छा होती है चुनाव लड़ने की और ये जायज भी है लेकिन टिकट का फैसला आलाकमान को करना होता है तो सबको मेरी शुभकामना है.बांकीपुर से ही अपनी दावेदारी जताने वाली और राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य सुषमा साहू ने कबा का कि हर कार्यकर्ता का हक होता है. पटना में एक उमीदवार का ही नाम जाता है. पटना में क्या सिर्फ कार्यकर्ता ही रहेंगे और महिला कार्यकर्ता सिर्फ पार्टी कार्यालय में आने जाने के लिए ही रहेंगी.
सुषमा ने कहा कि पार्टी की नेता सुषमा स्वराज ने 33 प्रतिशत आरक्षण की बात की थी और जब महिलाएं मतदान में बढ़ चढ़ कर शामिल होती हैं तो फिर उनके उमीदवारी पर चर्चा क्यों नहीं होती है. राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य ने अपनी उमीदवारी को पार्टी के खिलाफ लड़ाई नहीं बताया बल्कि यह कहा कि बीजेपी लोकतांत्रिक पार्टी है और लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का हक है.गौरतलब है कि बीजेपी की महिला नेत्री टिकेट की मांग को लेकर प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कई बड़े नेताओं की घेराबंदी कर चुकी हैं.