खपरैल मकान में रहने वाले अपने 8 बार के सांसद का भी बीजेपी ने काट दिया टिकट
सिटी पोस्ट लाइवः राजनीति में आज अगर आप ईमानदारी और सादगी ढूंढने का प्रयास करेंगे तो शायद बमुश्किल हीं ढूंढ पांएगे। बदलते वक्त के साथ सियासत भी कितनी बदल गयी है आप और हम बेहतर जानते हैं। जनप्रतिनिधि किस शान से जीवन गुजारते हैं यह किसी से छुपा नहीं है। लेकिन आज के दौर में भी इक्के-दुक्के जनप्रतिनिधि ऐसे मिल जाते हैं जिसने सियासत को ता-जिंदगी बस सेवा हीं समझा और सेवा भाव से राजनीति से जुड़े रहे।
पद-प्रतिष्ठा सबकुछ मिला लेकिन न कभी कुर्सी जाने का गम रहा और न हीं कुर्सी पाने का तिकड़म व्यवहार का हिस्सा रहा। ऐसे हीं एक जनप्रतिनिधि हैं झारखंड के खूंटी से 8 बार के सांसद रहे कड़िया मुंडा। कड़िया मुंडा की राजनीति में आने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। खेती को अपने जीवन का अहम हिस्सा मानने वाले इमरजेंसी के दौरान तकरीबन 1 साल तक जेल में रहे। जेल से छूटे तो एक दिन खेत में काम कर रहे थे खबर मिली की सांसदी का चुनाव लड़ना है बीजेपी ने टिकट दिया है।
संयोग ने सियासत की बुलंदियों तक पहुंचाया, आठ बार झारखंड के खूंटी से सांसद रहे लेकिन सादगी नहीं छोड़ी। आधी से ज्यादा जिंदगी खपरैल मकान में गुजार दी। बाद में छोटा सा सिमेंट का मकान भी बना। पार्टी ने इस बार कड़िया मुंडा का टिकट काट दिया है। उनकी जगह बीजेपी ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को खुंटी से अपना उम्मीदवार बनाया है।
एक निजी टेलीविजन चैनल से बातचीत में कड़िया मुंडा ने कहा-‘मुझे कोई शिकायत नहीं है, पार्टी ने अगर उम्रदराज लोगों को टिकट नहीं देने का सैद्धांतिक फैसला लिया है तो मैं इस फैसले का साथ हूं क्योंकि उम्र पर तो मेरा कोई जोर नहीं हैं ये तो वक्त के साथ बढ़ती हीं जाएगी। कड़िया मुंडा कहते हैं अर्जुन मुंडा की मदद करूंगा, उनका प्रचार करूंगा और कार्यकर्ताओं से भी अपील करूंगा कि वे अर्जुन मुंडा को जिताने में जी-जान लगा दें।