रिम्स में लालू यादव की राजनीतिक सक्रियता से बढी BJP की चिंता, बढा दी है पाबंदी

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रिम्स में लालू यादव की राजनीतिक सक्रियता से बढी BJP की चिंता, बढा दी है पाबंदी

सिटी पोस्ट लाइव :RJD सुप्रीमो लालू यादव की राजनीतिक सक्रियता से BJP की चिंता काफी बढ़ गई है. अब झारखण्ड सरकार ने लालू यादव की राजनीतिक सक्रियता पर बंदिश लगाने के लिए होटवार जेल प्रशासन को जमकर फटकार लगाईं है.गौरतलब है कि रांची के रिम्स अस्पताल में इलाजरत RJD  सुप्रीमो लालू प्रसाद की राजनीतिक सक्रियता ईन दिनों काफी बढ़ गई है. RJD से लेकर गठबंधन के नेताओं का रांची रिम्स पहुँचने का सिलसिला तेज हो गया है. ऐसे में लालू यादव की राजनीतिक सक्रियता BJP को खटकने लगी है. उसने होटवार जेल के SUPRINTENDENT को फटकार लगाते हुए कहा है कि रिम्स हॉस्पिटल हॉस्पिटल कम RJD दफ्तर बन गया है.

इस फटकार के बाद जेल प्रशासन ने लालू यादव के बाहर के खाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. लालू प्रसाद को बाहर से कच्चा खाद्य पदार्थ मंगवाने की छूट दी गई है. बाकी खाना उन्हें रिम्स के वार्ड में ही बनवा कर खाना होगा. इसको लेकर अस्पताल प्रशासन ने  लालू यादव के वार्ड के बाहर नोटिस चिपका दिया है.दरअसल, झारखण्ड सरकार लालू यादव की सुरक्षा और सेहत को ही आधार बनाकर उनकी राजनीतिक सक्रियता पर रोक लगाने की कवायद में जुट गई है. हाल के दिनों में रिम्स में RJD और महागठबंधन के नेताओं की बड़ी आवाजाही को लेकर रिम्स प्रशासन को झारखंड सरकार की ओर से फटकार लगाई गई है.

गौरतलब है कि पिछले  शनिवार को ही लालू यादव से मिलने उनके बेटे तेजस्वी यादव, उपेंद्र कुशवाहा और सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी  पहुंचे थे. इससे पहले भी लालू से मिलने के लिए हाई प्रोफाइल लोग पहुंचते रहे हैं. इन सबसे झारखंड सरकार को यह लग रहा है कि एक कैदी के तौर पर रिम्स में इलाज करा रहे लालू यादव की राजनीतिक सक्रियता बढ़ रही है.अब इस राजनीतिक सक्रियता पर रोक लगाने के लिए ही होटवार जेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने रिम्स में उनके वार्ड का दौरा किया था. इस दौरे के बाद ये खबर चली कि लालू यादव की सुरक्षा को खतरा है. यानी सुरक्षा के बहाने लालू यादव की घेराबंदी करने की तैयारी चल रही है.

लेकिन सबसे बड़ा सवाल कि क्या एक कैदी को अपने लोगों से मिलने जुलने का अधिकार नहीं है. या फिर लालू यादव जैसे कैदियों के लिए कोई विशेष नियम कानून है. वैसे तो पहले से ही लालू यादव को सप्ताह में केवल एक दिन मिलने का समय दिया गया है. ऊपर से ये सीमा भी तय कर दी गई है कि वो केवल तीन ही लोगों से मिल सकते हैं.लालू यादव के समर्थक अब सवाल उठाने लगे हैं कि जेल में बंद सजायाफ्ता लालू यादव की घेराबंदी का क्या मतलब है? क्या BJP को आज भी लालू यादव से इतना डर लगता है कि वो उसे सत्ता से बेदखल कर देगें.

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