उप-चुनाव के नतीजे के बाद BJP ने उठाया नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल

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उप-चुनाव के नतीजे के बाद BJP ने उठाया नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने उपचुनाव में एनडीए को मिली पराजय को लेकर बड़ा बयान दिया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष उप-चुनाव के परिणाम के लिए सीधे तौर पर नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं.उनकी सरकार के कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं.अपने कार्यकर्ताओं से ज्यादा जेडीयू के नेताओं-कार्यकर्ताओं पर सवाल उठा रहे हैं.वो कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठा रहे हैं. जाहिर है बीजेपी नीतीश कुमार पर दबाव बनाने में अभी से जुट गई है.

 संजय जायसवाल ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि उपचुनाव परिणाम को ठंडे बस्ते में डालने की नहीं बल्कि क्या कमी रह गई उसकी समग्र समीक्षा कर इसके कारणों पर ध्यान देने की जरुरत है. दरौंदा में सिर्फ भाजपा नहीं बल्कि एनडीए कार्यकर्ताओं के विद्रोह के कारण हार मिली है.अपने ब्लॉग में संजय जायसवाल ने लिखा- इस उपचुनाव की चर्चा दरौंदा की जिक्र किए बगैर अधूरी है. यहाँ यह स्पष्ट करना जरूरी है कि दरौंदा में हुआ विद्रोह महज भाजपा कार्यकर्ताओं का विद्रोह नही था बल्कि भाजपा और जदयू कार्यकर्ताओं का सम्मिलित विद्रोह था. अगर हम बेलहर में समझाने में सफल नहीं होते तो वहां भी कुछ ऐसे ही परिणाम देखने को मिल सकते थे.

आज भी गोपालगंज में जदयू के पूर्व विधायक सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ धरने पर बैठते हैं. लेकिन अगर यही कार्य भाजपा के किसी पूर्व विधायक ने किया होता तो मुझ पर उसके निष्कासन का दबाव होता.बिहार में उप-चुनाव का आया यह नतीजा ये सन्देश देता है कि हमें अपनी कार्यशैली में परिवर्तन लाना पड़ेगा. आज भी लोकसभा के परिणाम उसी तरह हुए जैसे4 महीना पहले थे. लेकिन विधानसभा के चुनाव का नतीजे बिल्कुल अलग रहें है. भाजपा की यह खासियत रही है कि हम अपनी हार से भी सीखते हैं.हमारा इतिहास गवाह है कि हर हार के बाद हम और मजबूत हो कर उभरे हैं. भले ही यह मुख्य चुनाव नही थे और इन परिणामों का सरकार पर कोई फर्क भी नही पड़ने वाला, लेकिन फिर भी इस परिणाम को ठंडे बस्ते में डालने की नहीं बल्कि क्या कमी रह गई उसकी समग्र समीक्षा कर, कारणों पर ध्यान देने की जरूरत है.

प्रदेश अध्यक्ष ने आगे लिखा -बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी उपचुनाव हुए थे लेकिन वहां एनडीए80% सीटें जीतने में सफल हुई. ऐसे में सवाल उठता है कि फिर बिहार में ऐसा क्या हुआ कि जिनके समय में शाम ढलते ही किसी का घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं होती थी, जिनके शासन की भयावह यादें आज भी लोगों के रोम-रोम में सिहरन पैदा कर देते हैं, उन्हें भी दो स्थानों पर कामयाबी मिल गई.

संजय जायसवाल ने कहा कि 2010 में हुए विधानसभा चुनावों में हम तीन चौथाई से ज्यादा बहुमत प्राप्त करने में सफल हुए थे. इसके अनेकों कारण थे, पर जो सबसे महत्वपूर्ण कारण था वह था बिहार की कानून व्यवस्था में हुआ अभूतपूर्व सुधार. भाजपा-जदयू के कार्यकर्ताओं के बीच का अद्भुत समन्वय और एकता . उस समय बिहार की कानून व्यवस्था पूरे भारत में सर्वश्रेष्ठ मानी जा रही थी. दूसरा भाजपा-जदयू कार्यकर्ताओं के परस्पर सहयोग से प्रत्येक प्रखंड में आम लोगों के शासन-प्रशासन संबंधी काम आसानी से हो जाते थे.आज हमें इन दोनों मसलों पर आत्म विवेचना की जरूरत है.

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