BJP पर दबाव बनाने के लिए उपेन्द्र कुशवाहा ने खुला रखा है महागठबंधन का ऑप्शन
सिटी पोस्ट लाइव : आरजेडी के प्रधान प्रवक्ता भाई बिरेन्द्र ने रालोसपा के महागठबंधन में आने का दावा किया है. भाई बिरेन्द्र ने कहा कि वो पार्टी के महत्वपूर्ण पद प्रधान प्रवक्ता पर आसीन हैं. उनके हर बयान का ठोस आधार होता है. वो हवा में बात नहीं कर रहे. उन्होंने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा बहुत जल्द महागठबंधन के साथ होगें. जब सिटी पोस्ट लाइव ने आरजेडी के इस दावे के बारे में रालोसपा के नेता माधव आनंद से प्रतिक्रिया लेनी चाही तो उन्होंने गोल-मटोल जबाब देकर भाई बिरेन्द्र के दावे को और बल दे दिया. उन्होंने भाई बिरेन्द्र के दावे को गलत ठहराने की जगह कहा कि अभी उनकी पार्टी एनडीए में है. एनडीए में ही रहना चाहती है. नरेन्द्र मोदी को फिर से पीएम बनाना चाहती है .लेकिन उन्होंने भाई बिरेन्द्र के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी .उन्होंने उनके दावे को गलत भी नहीं बताया.
गौरतलब है कि उपेन्द्र कुशवाहा और उनकी पार्टी के नेता लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं.एनडीए के सिट बटवारे के अमित शाह के 20-20 फ़ॉर्मूला को भी वो नकार चुके हैं. उपेन्द्र कुशवाहा से भी जब पत्रकारों ने उनके महागठबंधन में जाने की चर्चा से जुड़े सवाल पूछा तो वो जबाब देने से बचते नजर आये. उन्होंने भी महागठबंधन में जाने की खबर का खंडन नहीं किया .आज से उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी पैगाम-ए-खीर कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. जाहिर है उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए के साथ राजनीतिक खिचडी पकाने की जगह खीर बनाने के अभियान के जरिये बीजेपी पर ज्यादा सीटें देने को लेकर दबाव बनाए हुए हैं. दरअसल, उपेन्द्र कुशवाहा की राजनीति शुरू से आरजेडी विरोध पर आधारित रही है. उनकी राजनीति एनडीए के साथ आने के बाद ही चमकी है. इसलिए एनडीए छोड़ना उनके लिए अभूत आसान नहीं होगा.
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी में उनके अलावा दो बड़े कुशवाहा नेता हैं.भगवन सिंह कुशवाहा और नागमणि .कुशवाहा कम से कम इनके लिए लोक सभा की सीटें चाहते हैं. वो बिहार में पहले चुनाव की तरह ही तीन सीटें मांग रहे हैं. अगर उन्हें बीजेपी तीन सीटें दे देती है तो वो एनडीए में ही बने रहेगें. एनडीए वो तभी छोड़ेगें जब बीजेपी उन्हें दो से ज्यादा सीटें नहीं देगी. सूत्रों के अनुसार अब उपेन्द्र कुशवाहा से नाराज चल रहे अरुण कुमार को बीजेपी द्वारा टिकेट नहीं दिए जाने का फैसला लिया जा चूका है. ऐसे में कुशवाहा को एनडीए में तीन सीटें आसानी से मिल सकती हैं.राजनीतिक पंडितों का मानना है कि उपेन्द्र कुशवाहा तीन सीटों के लिए बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए ही महागठबंधन का आप्शन खुला रखे हुए हैं.
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