डिजिटल चुनाव पर बवाल, विरोधियों के साथ-साथ JDU के निशाने पर BJP

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना संकट को लेकर आम लोगों के साथ साथ सभी दलों के नेताओं के जेहन में केवल एक ही सवाल हा-विधान सभा चुनाव समय पर होगा या फिर आगे बढ़  जाएगा.इस सवाल का जबाब अभीतक मिला नहीं है लेकिन इस बीच सुशील मोदी  ने डिजिटल चुनाव का राग छेड़ दिया है. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Deputy CM Sushil Kumar Modi) के बयान ने सियासी पारे को गरमा दिया है. उपमुख्यमंत्री ने हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार और बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियों के बजाए डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए चुनाव होने की बात कही थी. लेकिन उनका डिजिटल चुनाव कराए जाने वाला बयान उनकी सहयोगी पार्टी जेडीयू (JDU) को ही रास नहीं आ रहा है.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का डिजिटल चुनाव कराए जाने वाला बयान उनकी सहयोगी पार्टी जेडीयू को ही रास नहीं आ रहा है. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने उनके प्रस्ताव को खारिज करते हुए इसे अव्यवहारिक और अलोकतांत्रिक बताया है. केसी त्यागी ने कहा कि इस देश में डिजिटल चुनाव संभव नहीं है, क्योंकि यहां चुनाव उत्सव और त्योहार की तरह कराए जाते हैं. लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जड़ें यहां काफी मजबूत हैं, यहां गीत गाती हुए महिलाएं वोट डालने जाती हैं. यहां रैली होती हैं, जुलूस होता है, प्रेस कांफ्रेंस होती है. लिहाजा यहां उसी ढ़र्रे पर चुनाव होना चाहिए जिस तरह से पिछले पचास-साठ सालों से होता आया है.

जब सहयोगी जेडीयू ही इस मुद्दे पर सुशील मोदी के बयान से पल्ला झाड़ रही हो तो फिर विरोधियों की तो बाछें खिल गई हैं. आरजेडी, आरएलएसपी और कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराया. आरजेडी की तरफ से सवाल पूछा गया कि क्या चुनाव आयोग ने अपना काम आउटसोर्स कर दिया है? आरजेडी की तरफ से सुशील मोदी की मंशा पर सवाल खड़ा किया गया.

उधर आरएलएसपी ने भी इस मुद्दे पर सुशील मोदी पर तंज कसा है. आरएलएसपी के प्रधान महासचिव ने कहा कि सुशील मोदी के बयान को तवज्जो नहीं देनी चाहिए क्योंकि वे तो हमेशा पिछले दरवाजे से उपमुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुए हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव एक पर्व की तरह होता है, यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, लिहाजा डिजिटल चुनाव की बात करना अव्यवहारिक है. यह समय से पहले दिया गया बयान है. अगर राजनीतिक दलों में सहमति बन भी जाती है तो क्या जनता इस बात को स्वीकार कर पाएगी ?

कांग्रेस की तरफ से सुशील मोदी के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि जो फैसला चुनाव आयोग को करना है वो सुशील मोदी कैसे बोल सकते हैं. कांग्रेस ने सुशील मोदी की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि क्या सुशील मोदी चुनाव प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. भले ही इस मुद्दे पर जेडीयू की तरफ से विरोध किया जा रहा है, लेकिन अब बिहार में राजनीतिक विरोधी उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सफाई मांग रहे हैं.

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